ग्राम पंचायतों के मद में 70 करोड़, खर्च होंगे कैसे
जनपद में नवसृजित 671 ग्राम पंचायतों के मद में 15वें व पंचम वित्त की लगभग 70
जागरण संवाददाता, मऊ : जनपद में नवसृजित 671 ग्राम पंचायतों के मद में 15वें व पंचम वित्त की लगभग 70 करोड़ की धनराशि पड़ी हुई है। वहीं कोरोना से जंग के लिए केंद्र सरकार ने पंचायतों के लिए अपना खजाना भी खोल दिया है। इसमें प्रदेश के हिस्से में 1442 करोड़ रुपये आए हैं। अभी तक न तो निर्वाचित प्रधानों का शपथ ही हो पाया है और नहीं ही ग्राम पंचायतें ही संगठित हो पाई हैं। इधर कोरोना महामारी गांवों में कहर बरपा रही है। आए दिन ग्रामीण क्षेत्र में लोग महामारी से काल-कवलित हो रहे हैं। ऐसे में बड़ा सवाल है कि आखिर ग्राम पंचायतों के खाते में पड़ी करोड़ों की धनराशि का उपयोग कब होगा।
पूरे प्रदेश में ग्राम पंचायतों का कार्यकाल बीते वर्ष 25 दिसंबर को समाप्त हो गया था। पूर्व ग्राम पंचायतों के खत्म हुए कार्यकाल के बाद 25 से 30 मार्च के बीच केंद्रीय वित्त व राज्य वित्त की धनराशि खातों में आ गई। ग्राम पंचायतों में प्रधानों का चुनाव नहीं होने व पंचायतों के संगठित न होने के चलते यह धनराशि खातों में ही पड़ी रही। अब जबकि प्रधानों का निर्वाचित हो चुका है। उनके खाते में भी धनराशि पड़ी हुई है। जिसका महामारी से बचाव के लिए बेहतर इस्तेमाल हो सकता है। नई पंचायतों के समक्ष कोविड-19 के चलते उपजे विपरित हालात में जिम्मेदारियां भी बढ़ गई हैं। प्रधानों के समक्ष अपने गांव को महामारी के बचाने की जिम्मेदारी भी है। पर ग्राम प्रधान लाचार पड़े हुए हैं। हालांकि प्रशासन अपने स्तर से गांवों में सैनिटाइजेशन आदि का कार्य करा तो रहा है परंतु वह नाकाफी साबित हो रहा है।
प्वाइंटर--
40 करोड़ - 15वां केंद्रीय वित्त
30 करोड़ - पंचम राज्यवित्त