मात्र आठ यूनिट ब्लड से सांसों की डोर बचाने की कवायदे

जागरण संवाददाता मऊ मात्र आठ यूनिट ब्लड से जिला अस्पताल स्थित ब्लड बैंक से सांसों की डोर क

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 05:04 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 05:04 PM (IST)
मात्र आठ यूनिट ब्लड से सांसों की डोर बचाने की कवायदे
मात्र आठ यूनिट ब्लड से सांसों की डोर बचाने की कवायदे

जागरण संवाददाता, मऊ : मात्र आठ यूनिट ब्लड से जिला अस्पताल स्थित ब्लड बैंक से सांसों की डोर को बचाने की कवायद की जा रही है। ब्लड बैंक में रक्त की कमी का प्रमुख कारण दानदाताओं का अभाव है। सबसे बड़ी समस्या दुर्लभ श्रेणी के रक्त की है, जो इस समय मात्र एक यूनिट ही है। पिछले माह अक्टूबर में एक निजी संस्था की तरफ से 14 रक्तदाताओं ने खून दिया था।

जिला अस्पताल में ब्लड बैंक सही मायने में जनपद सहित आस पास के लोगों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रहा था। कोरोना संक्रमण काल से पहले यहां हर माह लोग रक्तदान करते थे लेकिन दो वर्ष पहले कोरोना की रफ्तार बढ़ने के बाद से इस पर ग्रहण लग गया जो अभी तक चल रहा है। इस समय ब्लड बैंक कुल 15 कर्मचारी तैनात है। जरूरत होने पर यह लोग भी स्वयं रक्तदान करते है और जरूरत मंद को रक्त देते है। वर्तमान समय में पाजिटिव ग्रुप की श्रेणी में ओ और ए ग्रुप का खून नहीं है। कर्मियों के अनुसार पाजिटिव श्रेणी में ओ और ए की मांग ज्यादा रहती है। इसकी भी कमी है। वहीं निगेटिव ग्रुप के जितनी भी श्रेणी है उसे दुर्लभ श्रेणी कहा जाता है। इस श्रेणी के रक्त का अभाव बना हुआ है। हालांकि ब्लड बैंक की टीम की तरफ से जिले के डोनर ग्रुप, निजी रक्तदाता और संस्था से संपर्क कर रक्तदान कराया जाता है।

दानदाताओं की कमी से ब्लड की कमी रहती है। आगामी तीस नवंबर को एक संस्था की तरफ से स्वैच्छिक रक्तदाता शिविर का आयोजन किया गया है। इसमें दो दर्जन से अधिक यूनिट रक्त मिलेगा। इसके साथ ही रोजाना सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक आकर रक्तदान कर सकता है।

- डा. सरिता, ब्लड बैंक प्रभारी जिला अस्पताल

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