बाजार में उतरने को तैयार है समूह निर्मित टीन की चादर का बक्सा

जागरण संवाददाता पलिगढ़ (मऊ) बाजार में उतरने के पहले समूह द्वारा निर्मित उत्पाद में टीन

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 09:47 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 09:47 PM (IST)
बाजार में उतरने को तैयार है समूह निर्मित टीन की चादर का बक्सा
बाजार में उतरने को तैयार है समूह निर्मित टीन की चादर का बक्सा

जागरण संवाददाता, पलिगढ़ (मऊ) : बाजार में उतरने के पहले समूह द्वारा निर्मित उत्पाद में टीन की चादर से बने बक्से की गुणवत्ता की जांच गुरुवार को ब्लाक अधिकारी व विशेषज्ञों ने किया। अधिकारियों ने उत्पाद की गुणवत्ता को परखने के बाद हरी झंडी दी। अब समूह निर्मित बक्सा बाजार में उतरने को तैयार है।

रानीपुर ब्लाक अंतर्गत प्रत्येक ग्रामसभा में स्वयं सहायता समूह का गठन हो चुका है। इसमें ज्यादातर समूह अपने उत्पाद को बाजार के हवाले कर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर रहे हैं। ऐसे ही एक स्वयं सहायता समूह रानीपुर ग्रामसभा का है, जो टीन की चादर से छोटे से लेकर बड़े बक्सों तक का निर्माण कर रहा है। अभी तो यह बक्सा बाजार में नहीं उतरा है लेकिन निर्मित हो रहे बक्से की मजबूती देख लोग जहां इसकी तारीफ कर रहे हैं, वहीं बाजार भाव से भी कम दाम जानकर लोग इसको खरीदने के लिए बुकिग कराने के इच्छुक हैं। समूह की मानिटरिग करने वाले अधिकारी मिलन सिंह ने बताया कि उक्त समूह द्वारा तकरीबन पांच दर्जन से अधिक बक्सों को बना लिया गया है। पहले इन बक्सों को ब्लाक से ही बिक्री का शुभारंभ किया जाएगा। इसके पश्चात समूह अपनी इच्छा अनुसार चयनित स्थान से इसकी बिक्री करेगा। समूह की अध्यक्ष सरिता चौहान ने बताया कि जब काम शुरू हुआ तो कोई विशेष प्रशंसा नहीं मिली परंतु बक्सों की काफी संख्या देख लोग समूह की तारीफ कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, मऊ : जिला महिला अस्पताल में जच्चा-बच्चा की बेहतर देखरेख के संबंध में आशा कार्यकर्ताओं के लिए गुरुवार को प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इसमें दो ब्लाक से आई करीब तीन दर्जन कार्यकर्ताओं को विशेषज्ञ चिकित्सकों ने जानकारी दी।

डा. ओपी सिंह ने बताया कि किसी भी महिला के गर्भधारण से लेकर डिलीवरी के 42 दिन तक जच्चा और बच्चा की देखरेख करनी होती है। इसमें महिला की नियमित जांच और स्वास्थ्य का ध्यान रखना होता है। गर्भवती को सरकार की मातृ वंदना योजना से जोड़कर उसे लाभांवित करना है। गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास के अनुसार मां को पौष्टिक आहार देने के साथ सभी टीका लगवाना शामिल है। कहा कि बच्चे के जन्म के दो वर्ष तक उसकी सुरक्षा के लिए टीका लगाया जाता है जिसका चार्ट भी तैयार किया जाता है। अभिभावक को टीके प्रति जागरूक कर निश्चित समय पर लगवाना जरूरी है। वहीं इन दिनों तेजी से पांच पसार रही अनेक संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिए सभी को जागरूक करने के साथ घरों की सफाई का विशेष ध्यान देना आवश्यक है। प्रशिक्षण में रामप्रकाश सिंह, सौरभ चौरसिया, युसुफ शाह, सुर्मिला राजभर, उमैरा खातून, गवासुद्दीन सहित अनेक आशा कार्यकर्ता मौजूद थीं।

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