बिना काम कराए ही करा लिया पांच लाख का भुगतान

जागरण संवाददाता सूरजपुर (मऊ) अधिकारियों की मिलीभगत से ग्राम पंचायतों में हुई अनियमितता क

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 04:17 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 04:17 PM (IST)
बिना काम कराए ही करा लिया पांच लाख का भुगतान
बिना काम कराए ही करा लिया पांच लाख का भुगतान

जागरण संवाददाता, सूरजपुर (मऊ) : अधिकारियों की मिलीभगत से ग्राम पंचायतों में हुई अनियमितता की पोल खुद जांच अधिकारियों के समक्ष खुलने लगी है। दोहरीघाट विकास खंड क्षेत्र के चकऊथ ग्रामसभा की पंचायत भवन पर सोशल आडिट टीम प्रभारी जयराम सिंह व जिले से भेजे गए जांच अधिकारी सीताराम ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में नाली, खड़ंजा, चकमार्ग, पोखरी खोदाई, नाला की सफाई, प्रधानमंत्री आवास आदि विकास कार्यों का एक-एक कर सत्यापन किया। इसमें बिना काम कराए ही पांच लाख रुपये का भुगतान का पता चला। इस दौरान कुल 22 कार्यों में से 10 कार्य धरातल पर पाए ही नहीं गए।

जांच टीम ने चकमार्ग पर मिट्टी का कार्य, पोखरी की खोदाई, पौधारोपण सहित कुल 22 कार्यों को ग्रामीणों के सामने एक-एक करके पढ़ा गया और ग्रामीणों व जाबकार्ड धारकों से पूछा गया कि यह कार्य हुआ है या नहीं। इसमें 10 कार्य ऐसे पाए गए, जिसकी ग्रामीणों व जाबकार्ड धारकों ने कोई पुष्टि ही नहीं की। अधिकारी ने कहा कि इस संबंध में वह अपनी रिपोर्ट जिला को प्रेषित करेंगे। बैठक में आवास के लाभार्थियों का भी सत्यापन किया गया। गांव में कुल 21 लोगों को आवास आवंटित हुए थे। इसमें सात अभी अपूर्ण हैं। वहीं 14 आवास पूर्ण है लेकिन उन आवासों की मजदूरी आवास लाभार्थियों को नहीं मिली है। खास बात यह रही कि आवास लाभार्थियों का मजदूरी के पैसों का भुगतान भी हो चुका है। अब यह जांच का विषय है कि मजदूरी के पैसे आखिर किस खाते में भेजे गए और कैसे भुगतान हुआ। जांच अधिकारी ने भरोसा दिलाया कि इस संबंध में वह अपनी रिपोर्ट उच्च अधिकारी को देंगे और समस्या का समाधान कराया जाएगा। इस अवसर पर आनन्द मल्ल, अवधेश गौड, प्रेमशीला, ग्राम प्रधान गोपीचंद, चंद्रभान, सुभावती, पारस, आलोक राजभर आदि उपस्थित थे। इनसेट--

15 मजदूरों ने बिना काम किए पाए 1.5 लाख मजदूरी

खुली बैठक में पाया गया कि 100 जाबकार्ड धारकों में से 15 ऐसे जाबकार्ड धारक हैं जो कभी भी मनरेगा योजना के तहत होने वाले कार्य में एक दिन भी काम नहीं किए और उनके खाते में डेढ़ लाख का भुगतान हो चुका है। इसकी पुष्टि जाबकार्ड धारक मजदूर व ग्रामीणों ने किया। वहीं ग्रामसभा की खुली बैठक में प्रधानमंत्री आवास से वंचित पात्र लाभार्थियों का भी चयन किया गया। ग्रामीणों का कहना था कि गांव के विकास के लिए शासन से भेजे जा रहे पैसों को ग्राम प्रधान व सचिव द्वारा सही तरीके से विकास में लगाया गया होता तो गांव की सूरत बदल जाती।

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