कोविड की जांच में भी हो रहा भितरघात, लोग हो रहे परेशान

जागरण संवाददाता मऊ कोपागंज सीएचसी से जुड़े एक गांव में एक दंपती को कोरोना पाजीटिव बता

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 05:16 PM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 05:16 PM (IST)
कोविड की जांच में भी हो रहा भितरघात, लोग हो रहे परेशान
कोविड की जांच में भी हो रहा भितरघात, लोग हो रहे परेशान

जागरण संवाददाता, मऊ : कोपागंज सीएचसी से जुड़े एक गांव में एक दंपती को कोरोना पाजीटिव बताकर स्वास्थ्य विभाग टेलीफोनिक उत्पीड़न में लगा है, जबकि उस व्यक्ति का कहना है कि उसने कभी कोविड की जांच ही नहीं कराई। उधर, स्वास्थ्य विभाग कोविड पाजीटिव आए व्यक्ति के दावे को खारिज कर रहा है और सीधा कह रहा है कि जांच नहीं कराई तो रिपोर्ट कहां से आई।

विभागीय अधिकारी कह रहे हैं कि अपनी रिपोर्ट छिपाने के लिए वह व्यक्ति झूठ बोल रहा है। उधर, उस व्यक्ति का कहना है कि किसी ने उसका नाम-पता और मोबाइल फोन नंबर देकर जांच करा लिया होगा। झूठ और सच के बीच फंसे पड़ोसी असमंजस में भी हैं और डरे सहमे भी। मामला कोपागंज कस्बे के ही एक मुहल्ले से जुड़ा है। पाजीटिव बताए जा रहे शख्स का कहना है कि कुछ दिन पूर्व वह सीएचसी पर कोरोना की वैक्सीन लगवाने के लिए अपनी पत्नी व बेटे के साथ पहुंचा था। इस दौरान उसकी उम्र 45 वर्ष न होने के कारण उसे वैक्सीन नहीं लगी। जब सीएचसी पर बैठे पैरामेडिकल स्टाफ ने कहा कि उन्हें वैक्सीन नहीं लग पाएगी तो वह घर आ गया। घर आने के बाद चार-पांच दिन बाद से उसके बेटे के मोबाइल फोन पर स्वास्थ्य विभाग से फोन आने लगा कि आप लोग कोरोना पाजीटिव हैं। आइसोलेट रहें। यह सुनते ही वह व्यक्ति आग-बबूला हो गया। गांव में कोरोना को घेरने जब स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची तो ग्रामीणों को भी इसकी भनक लग गई। टीम के डाक्टरों ने भी रिपोर्ट के आधार पर नाम लेकर कहा कि ये-ये लोग कोरोना पाजीटिव हैं। चूकि, दंपती और बेटे तीनों चंगे और स्वस्थ हैं, इसलिए जांच न कराने के इनके दावे में भी दम नजर आ रहा है। वर्जन ..

यह विचित्र मामला है। ऐसा किसी व्यक्ति ने फ्राड किया हो तो नहीं कहा जा सकता। हमारी कोशिश ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच करना है। हमें सबकी जांच करनी है। पहचान प्रमाणित कर कोरोना टेस्ट करना दुरूह हो जाएगा।

- डा.सतीशचंद्र सिंह, सीएमओ, मऊ। इनसेट :

आश्चर्य क्यों नहीं

अधिकांश जांच के मामलों में आइडी नहीं चेक की जा रही है। गांव या पुराने मुहल्लों में सभी एक-दूसरे का मोबाइल फोन नंबर, वल्दियत आदि बखूबी जानते हैं। बगल वाले को पाजीटिव के नाम पर परेशान किया जाएगा तो आस-पास के लोग जो फर्जीवाड़ा किए होंगे उन्हें पता चल ही जाएगा कि असली पाजीटिव कौन है। समाजसेवी ज्ञानेंद्र मिश्र कहते हैं कि गांव में रंजिशन कोई ऐसा कर दे तो इससे इंकार भी नहीं किया जा सकता।

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