बाढ़ के बाद कोल्हाड़ में सड़न और बीमारी
- ख्वाजाजहांपुर से बइरबग्गा तक ढंग की सड़क भी नसीब नहीं जागरण संवाददाता मऊ तमसा नदी क
- ख्वाजाजहांपुर से बइरबग्गा तक ढंग की सड़क भी नसीब नहीं
जागरण संवाददाता, मऊ : तमसा नदी की बाढ़ से घिरे शहर के आधा दर्जन मोहल्लों से बाढ़ का पानी धीरे-धीरे निकल कर नदी के पेट में समाने लगा है। पानी हटने के बाद खेतों से उठ रही सड़न व दुर्गंध के चलते कोल्हाड़, बइरबग्गा, निषादनगर आदि मोहल्लों में तरह-तरह की बीमारियों ने तेजी से पांव पसारना शुरू कर दिया है। आलम यह है कि टूटी-फूटी सड़क पर लोग अपने बीमार स्वजनों को एंबुलेंस बुलाने की जगह किसी तरह ठेला-गाड़ी से लेकर शहर के अस्पतालों तक पहुंचा रहे हैं। नगर पालिका प्रशासन शहरी विकास के चाहे जितने दावे करे, लेकिन इन मोहल्लों तक अब भी विकास को जाने का रास्ता नहीं मिला है।
नदी का जलस्तर तेजी से घट रहा है। बाढ़ का पानी धीरे-धीरे कोल्हाड़, ख्वाजाजहांपुर एवं निषाद नगर के खेतों से निकल कर नदी में समाने लगा है। जैसे-जैसे पानी सूख रहा है, वैसे-वैसे मछली के पानी जैसी दुर्गंध कोल्हाड़ की आबोहवा में फैलती जा रही है। हल्की सी हवा चलते ही घरों में भी लोगों का सांस लेना मुश्किल हो जा रहा है। सर्दी, खांसी, बुखार एवं सांस की दिक्कतों की शिकायतें एक-दो घरों से नहीं बल्कि घर-घर से आ रही है। अशोक मौर्या, पूजन राजभर, फागू आदि कोल्हाड़ व ख्वाजाजहांपुर के लोगों ने बताया कि सड़न व दुर्गंध के चलते घर-घर में बीमारी के बावजूद स्वास्थ्य विभाग कोई कदम नहीं उठा रहा है। वर्जन ..
बाढ़ प्रभावित मोहल्लों खासकर बइरबग्गा, कोल्हाड़, ख्वाजाजहांपुर में लगातार जीवाणुरोधी दवाओं का छिड़काव कराया जा रहा है। बीमार सरकारी अस्पताल जाकर अपनी जांच कराएं व दवाएं लें। ख्वाजाजहांपुर से कोल्हाड़ तक जाने वाली सड़क बाढ़ में डूबने से क्षतिग्रस्त हुई है। जल्द ही उसकी मरम्मत कराई जाएगी।
- दिनेश कुमार, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका मऊ।