पांच प्रधानाचार्यों को फटकार, कार्रवाई की चेतावनी
जागरण संवाददाता मऊ कोरोना संक्रमण के चलते बंद इंटर कालेजों को नौवीं से बारहवीं तक
जागरण संवाददाता, मऊ : कोरोना संक्रमण के चलते बंद इंटर कालेजों को नौवीं से बारहवीं तक की पढ़ाई के लिए शासन की ओर से खोलने का आदेश दिए जाने के बावजूद जिले के कुछ इंटर कालेजों में न तो पढ़ाई हो रही है और न ही छात्र पहुंच रहे हैं। गुरुवार को जिला विद्यालय निरीक्षक डा.राजेंद्र प्रसाद ने जब आधा दर्जन इंटर कालेजों का औचक निरीक्षण किया तो यही स्थिति सामने आई। इनमें सबसे ज्यादा खराब हालत कोपागंज स्थित हबीब इंटर कालेज में मिली, जहां नामांकन के सापेक्ष मात्र 10 प्रतिशत छात्र मिले और शैक्षिक गुणवत्ता भी अत्यंत खराब पाई गई। डीआइओएस ने मौके पर ही प्रधानाचार्य और प्रबंधक को कड़ी फटकार लगाई और सुधार न मिलने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।
जिला विद्यालय निरीक्षक डा.राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि सबसे पहले हबीब इंटर कालेज को ही चेक किया गया। नौवीं एवं दसवीं के छात्रों से जब छोटे-छोटे सवाल किए गए तो वे उनका जवाब नहीं दे पाए। इससे प्रतीत हुआ कि वहां शिक्षकों की दिलचस्पी पढ़ाई-लिखाई में नहीं है। छात्रों की उपस्थिति भी अत्यंत न्यून पाई गई। इसके बाद संत विनोबा इंटर कालेज सिपाह को चेक किया गया, जहां 359 में से केवल 57 छात्र ही उपस्थित थे। नेशनल इंटर कालेज नदवासराय में मात्र 12 प्रतिशत छात्र उपस्थित मिले। पूर्वांचल इंटर कालेज रेवरीडीह में 40 प्रतिशत एवं केदार इंटर कालेज टेघना में 20 प्रतिशत छात्र ही उपस्थित मिले। डीआइओएस ने कहा कि ऐसी स्थिति सामने आने के बाद सभी इंटर कालेजों के प्रधानाचार्यों को कड़ी फटकार लगाई गई है एवं सभी को जितनी जल्दी हो सके सुधार लाने की चेतावनी दी गई है। इस दौरान उन्होंने प्रधानाचार्यों को अभिभावकों की बैठक बुलाकर उनकी सहमति प्राप्त करने तथा छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने का निर्देश दिया। कहा कि इसमें कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कोरोना से बचाव के उपाय भी इंटर कालेजों में रखने होंगे। निरीक्षण में यदि कोई कमी पाई जाती है तो संबंधित प्रधानाचार्य सीधे जिम्मेदार माने जाएंगे। डीआइओएस ने दो टूक प्रधानाचार्यों से कहा कि शैक्षिक गुणवत्ता और छात्र संख्या संतोषजनक नहीं पाई गई तो इंटर कालेजों के मान्यता प्रत्याहरण की कार्रवाई भी की जा सकती है।