स्वच्छ भारत मिशन में लापरवाही पर पांच एडीओ पंचायतों पर गिरी गाज

ग्राम्य विकास राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल द्वारा मनरेगा में अनियमितता पकड़े जाने पर अब जिला प्रशासन चैतन्य है। प्रशासन अब कोई कोताही नहीं बरतने के मूड में है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 02 Jul 2020 05:55 PM (IST) Updated:Thu, 02 Jul 2020 05:55 PM (IST)
स्वच्छ भारत मिशन में लापरवाही पर पांच एडीओ पंचायतों पर गिरी गाज
स्वच्छ भारत मिशन में लापरवाही पर पांच एडीओ पंचायतों पर गिरी गाज

जागरण संवाददाता, मऊ : स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवों में बन रहे शौचालयों की मानीटरिग शुरू हो गई है। पूर्ण शौचालय निर्माण के लिए शासन द्वारा निर्धारित तिथि 31 जून तक आधा निर्माण न होने पर संबंधित अधिकारी-कर्मचारियों पर शिकंजा कसना शुरू हो हो गया है। बुधवार की देर शाम घोसी, बड़रांव, फतहपुर मंडाव, दोहरीघाट व कोपागंज विकास खंड की समीक्षा में सभी ब्लाकों के एडीओ पंचायतों को जिम्मेदार ठहराते हुए प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई। साथ ही समीक्षा से अनुपस्थित एक दर्जन ग्राम सचिवों का एक दिन का वेतन काटने का आदेश हुआ।

स्वच्छ भारत मिशन के तहत जनपद में दो लाख से अधिक शौचालय निर्माण होने थे। मिशन की शुरूआत में प्रशासन का सारा फोकस इसी पर था। गांव-गांव जागरूकता कार्यक्रम हुए, तो गांवों में महकमा उतर आया। प्रतिदिन तत्कालीन जिलाधिकारी प्रकाश बिदु समीक्षा करते रहे। इसी का नतीजा रहा कि धड़ाधड़ शौचालय निर्माण शुरू हुए। हालांकि इस दौरान भी पूर्व के बने शौचालयों की जीयो टैगिग बड़े पैमाने पर की गई। एसबीएम, एलओबी के पूरा होने के बाद पात्रता सूची से वंचित पात्र परिवारों को एनएलओबी में समाहित किया गया। एनएलओबी के तहत जनपद में लगभग 20 हजार शौचालय बनाए जाने थे। इसमें शासन द्वारा निर्धारित तिथि 31 जून तक आधे ही शौचालय धरातल पर उतर पाए। इसको लेकर अब प्रशासन ने सख्ती शुरू की। बुधवार की देर शाम पांच ब्लाकों की समीक्षा शुरू हुई तो मामला सामने आया। इस पर पांचों ब्लाकों के एडीओ पंचायतों को लापरवाह माना गया कि वह मानीटरिग नहीं करा पाए। जबकि समीक्षा में एक दर्जन ग्राम सचिव उपस्थित नहीं हुए। इस पर एडीओ पंचायतों को प्रतिकूल प्रविष्ट तथा ग्राम सचिवों का एक दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया गया।

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वर्जन

कलेक्ट्रेट सभागार में पांच ब्लाकों की समीक्षा हुई। इसमें एडीओ पंचायतों को सही से मानीटरिग नहीं करने का दोषी पाया गया। इसके चलते ही शौचालय निर्माण में तेजी नहीं आ पाई। सभी को एक सप्ताह का समय दिया गया है, अगर शौचालय पूर्ण नहीं हुए तो निलंबन तय है।

- घनश्याम सागर, डीपीआरओ।

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