जैविक खेती से खुशहाली की ओर बढ़ेंगे किसान

जागरण संवाददाता, मऊ : दैनिक जागरण के आधुनिक अन्नदाता अभियान के तहत जिले के किसानों क

By JagranEdited By: Publish:Wed, 31 Jan 2018 06:27 PM (IST) Updated:Wed, 31 Jan 2018 06:27 PM (IST)
जैविक खेती से खुशहाली की ओर बढ़ेंगे किसान
जैविक खेती से खुशहाली की ओर बढ़ेंगे किसान

जागरण संवाददाता, मऊ : दैनिक जागरण के आधुनिक अन्नदाता अभियान के तहत जिले के किसानों को तकनीकी दक्षता देने के लिए आयोजित मृदा परीक्षण प्रशिक्षण शिविर के चौथे बैच के प्रशिक्षण के तीसरे दिन प्रशिक्षुओं का उत्साह और उत्सुकता देखते ही बन रही थी। प्रशिक्षण कार्यक्रम में किसानों के बीच बतौर अतिथि पहुंचे प्रकाश हास्पिटल के प्रबंध निदेशक डॉ. मनीष राय ने कहा कि अत्यधिक खाद के प्रयोग से उपजा अन्न अनेक प्रकार की बीमारियां फैला रहा है। मृदा परीक्षण के ज्ञान के अभाव में किसान अब तक परंपरागत रूप से रासायनिक खाद का प्रयोग करते आ रहे थे, लेकिन इस प्रशिक्षण ने जिले के किसानों को खेती की एक नई दिशा दी है। उन्होंने किसानों से जैविक कृषि अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि इससे किसान आर्थिक ²ष्टिकोण से भी समृद्ध होंगे और स्वास्थ्य की ²ष्टि से भी खुशहाल रहेंगे।

जिला कृषि भवन में चल रहे पांच दिवसीय मृदा परीक्षण प्रशिक्षण शिविर के तीसरे दिन सभी प्रशिक्षुओं को मुख्य पोषक तत्वों व उनकी कार्यप्रणाली के बारे में बरेली से आए प्रशिक्षक छत्रपाल ने जानकारी दी। छत्रपाल ने बताया कि पौधों में नाइट्रोजन की कमी से उनकी वृद्धि प्रभावित हो जाती है। जबकि फास्फोरस की कमी से पौधों की जड़ों का विकास रुक जाता है। सभी प्रशिक्षुओं ने अपने-अपने हाथों से मिट्टी में फास्फोरस और पोटैशियम का नमूना टेस्ट किया। अलग-अलग नमूनों में फास्फोरस की मात्रा अलग-अलग मिली। प्रशिक्षण के दौरान जिले के भावनाथपुर से आए खेत की मिट्टी के नमूने जब चेक किए गए तो उसमें फास्फोरस कम और सल्फर की कमी पाई गई। फास्फोरस से पौधों की जड़ों का विकास होता है। सल्फर की कमी से तिलहन के फसलों में तेल नहीं बनता है। पोटैशियम की कमी दूर होने से पौधों के फलों में परिवर्तन होता है। इससे जहां गेहूं के दानों में चमक आती है, वहीं उनका आकार भी ठीक रहता है। सल्फर की कमी दूर कर देने से तिलहन वाली फसलों में सही ढंग से तेल बनने लगता है। मुख्य प्रशिक्षक ने बताया कि जिस खेत में तिलहन बोना है, यदि उसका मृदा परीक्षण करके सल्फर की कमी को दूर करने का प्रयास हो तो फसल का उत्पादन अधिक होगा । पौधों में रोगों से लड़ने की शक्ति भी रहेगी। इससे किसानों को सरसो, सूर्यमुखी, तिल आदि से अधिक आय होगी। इस अवसर पर आकाश कुमार, विनय कुमार ¨सह, आलोक कुमार मौर्य, कतवारू, श्रीकृष्ण यादव, चंदन कुमार, संजीत कुमार, अवनीश कुमार, शंकर कुमार, रामजीत राम, श्याम बहादुर मौर्य, विनय ¨सह आदि उपस्थित रहे।

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