किसानों ने जुलूस निकालकर दिखाई ताकत
जागरण संवाददाता मऊ भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा मजदूरों किसानों तथा आम जनता पर किए जा
जागरण संवाददाता, मऊ : भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा मजदूरों, किसानों तथा आम जनता पर किए जा रहे निरंतर हमले के खिलाफ किसान संगठनों के राष्ट्रव्यापी प्रतिरोध के तहत सैकड़ों किसान कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाला और जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इसके बाद अपनी दस सूत्री मांगों का ज्ञापन डीएम को सौंपा। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कारपोरेट परस्त तीन कृषि कानूनों, बिजली कानूनों और चार श्रम संहिताओं ने भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियादी ढांचे को उलट-पलट कर रख दिया है। इस पारित कानूनों का उद्देश्य कृषि का कारेपारेटीकरण करना है। जाहिर है कि इससे वह किसान खत्म हो जाएंगे जो हमारी दो तिहाई जनता के लिए रोटी मुहैया कराते है। सरकार ने इस जनविरोधी कदम को पीछे नहीं हटाया तो देश का किसान आंदोलन और तेज करेगा। कहा कि लाकडाउन के प्रावधानों का दुरुपयोग कर आम जनता, किसानों मजदूरों का लगातार दमन किया जा रहा है। महंगाई आसमान छू रही है। बेरोजगारी दिन दोगुना रात चौगुना बढ़ रही है। सरकार की बौखलाहट का पता इससे चलता है कि विधेयक को पारित करने के लिए सांसदों को मत विभाजन की मांग करने के उनके संवैधानिक अधिकार से भी वंचित कर दिया गया है। इसलिए हर हालत में इन प्रयासों का एकजुट होकर प्रतिरोध और तेज करना जरूरी है। वक्ताओं ने किसान विरोधी कानून को तत्काल वापस लेने, बिजली कानून 2020 को रद्द करने, डीजल का दाम आधा करने, ठेका खेती रद्द करने की मांग की। प्रदर्शन में अखिल भारतीय किसान सभा किसान महासभा, किसान संग्राम समिति, उत्तर प्रदेश किसान सभा,ऑल इंडिया किसान फेडरेशन, अखिल भारतीय किसान खेत मजदूर यूनियन, इंकलाबी मजदूर केंद्र के साथियों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शन में राम कुमार भारती, अर्चना उपाध्याय, देवेंद्र मिश्रा, वीरेंद्र कुमार, जयप्रकाश धूमकेतु, बसंत कुमार, रामनवल सिंह, शेर मोहम्मद, गुफरान, राम नारायण सिंह, हिसामुद्दीन, रामूप्रसाद, अनुभवदास, त्रिभुवन शर्मा, शैलेंद्र, मदनलाल श्रीवास्तव, शमशुल हक चौधरी, क्रांति नारायण सिंह, राम रामप्रवेश, सिकंदर आदि शामिल थे।