भारत बंद का नहीं दिखा असर, किसानों का प्रदर्शन संगठनों ने किया प्रदर्शन, जमकर की नारेबाजी

जागरण संवाददाता मऊ शुक्रवार को भारत बंद के समर्थन में वामपंथी दलों और किसान संगठनों

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Mar 2021 05:47 PM (IST) Updated:Fri, 26 Mar 2021 11:51 PM (IST)
भारत बंद का नहीं दिखा असर, किसानों का प्रदर्शन संगठनों ने किया प्रदर्शन, जमकर की नारेबाजी
भारत बंद का नहीं दिखा असर, किसानों का प्रदर्शन संगठनों ने किया प्रदर्शन, जमकर की नारेबाजी

जागरण संवाददाता, मऊ : शुक्रवार को भारत बंद के समर्थन में वामपंथी दलों और किसान संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर विपक्षी नेता लामबंद दिखे। राष्ट्रपति को संबोधित पांच सूत्रीय मांग पत्र जिलाधिकारी को सौंपा गया। फिलहाल भारत बंद का जनपद में कहीं कोई असर नहीं दिखा।

इसके पूर्व सभा कर वक्ताओं ने कहा कि तीनों कृषि कानून और कुछ नहीं बल्कि खेती किसानी का अंबानी-अडानीकरण ही है। इसके भयंकर दुष्परिणाम आने वाले वर्षों में दिखाई देंगे। किसानों के हाथों से खेती मंडिया निकल जाएगी । इतना ही नहीं मंडी छीनने के बाद अढ़तिया व्यापारी, पल्लेदार, मंडीकर्मी आदि भी तबाह हो जाएंगे। एमएसपी, सरकारी खरीद और बची खुची सार्वजनिक वितरण प्रणाली का भी भट्ठा बैठ जाएगा। जमाखोरी और महंगाई का बोलबाला होगा। ठेका खेती के नाम पर खेती कारपोरेट के हवाले होगी।

वक्ताओं ने कहा कि किसान अपने ही खेत में बंधुआ मजदूर व गुलामी को मजबूर होंगे। अत्यंत अफसोस है कि किसानों के इस संकट की घड़ी में अचानक डीएपी के दामों में 300 रुपये की वृद्धि ने किसानों की चिता और बढ़ा दी। निजी क्षेत्र की फॉरेस्ट गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स ने प्रिट रेट 15 सौ रुपये कर दिया। इसके खिलाफ आंदोलन तेज करना होगा।

प्रदर्शन में सरोज सिंह अर्चना उपाध्याय, रीमा मूर्ति, राम सोच यादव, वीरेंद्र कुमार, बसंत कुमार, रामजी सिंह, जयप्रकाश धूमकेतु, अरविद मूर्ति शिवमूरत गुप्ता, रामू प्रसाद, त्रिभुवन शर्मा, शमशुल हक चौधरी, रामप्रवेश, सिकंदर, देवनाथ यादव, रामबदन, दयाशंकर, सुभाष, हफीज, लाल बहादुर, फेकू, ध्रुव मिश्रा, जितेंद्र, साधु यादव आदि शामिल रहे।

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