कटान से भूमिहीन हो रहे रामपुर धनौली के किसान
जासं दोहरीघाट (मऊ) बारिश का सीजन खत्म होने के बाद भले ही लोगों को बाढ़ से राहत मिली
जासं, दोहरीघाट (मऊ) : बारिश का सीजन खत्म होने के बाद भले ही लोगों को बाढ़ से राहत मिली हो पर अभी भी सरयू की लहरें तबाही मचा रही हैं। नदी के तलहटी में उफन रही लहरें निकटवर्ती जमीनों को अपने आगोश में लेती जा रही हैं। हालत यह है कि एक सप्ताह के भीतर लगभग 10 बिस्वा जमीन नदी में कटकर विलीन हो गई। दशकों से लगातार हो रही कटान के चलते रामपुर धनौली के किसान भूमिहीन होते जा रहे हैं। नदी को बांधकर एनएचएआइ के बनाए गए फोरलेन पुल के चलते लहरें अधिक तीव्र होकर कटान कर रही हैं।
नेपाल से एक माह पूर्व पानी छोड़े जाने के बाद जैसे ही सरयू की बाढ़ घटी कि रामपुर के समीप रामअवतार, धारू मौर्य, रामसमुझ राय और हरिश्चंद्र राय सहित अन्य किसानों की करीब 10 बिस्वा भूमि कटकर नदी की धारा में विलीन हो गई है। इसी तरह किसानों की भूमि कटती रही तो दोहरीघाट-आजमगढ़ मार्ग भी कटान के चपेट में आ जाएगा। सिचाई विभाग के जेई जेपी यादव का कहना है कि फोरलेन पुल के बाद नदी को बांधकर रोड बनाने से नदी की धारा रामपुर-धनौली के समीप आकर टकरा रही है। इससे कटान हो रही है। कटान रोकने को 11 करोड़ का प्रोजेक्ट बनाकर शासन को भेजा गया है। धन स्वीकृत होते ही इस परियोजना पर कार्य शुरू होगा। उधर एक तरफ नदी का जलस्तर घट रहा है तो वहीं दूसरी तरफ किसानों की उपजाऊ भूमि कटकर नदी की धारा में समा रही है।