पानी भरे खेत में चारपाई संग कटाई कर रहे किसान

जागरण संवाददाता घोसी (मऊ) खरीफ सत्र के प्रारंभ से हो रही बरसात ने अक्टूबर माह के प्र

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 05:20 PM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 05:20 PM (IST)
पानी भरे खेत में चारपाई संग कटाई कर रहे किसान
पानी भरे खेत में चारपाई संग कटाई कर रहे किसान

जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : खरीफ सत्र के प्रारंभ से हो रही बरसात ने अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह में अतिवृष्टि बनी तो माह के मध्य में कहर बन गई। ताल एवं नहर के किनारे के खेतों सहित निचले खेतों में अभी तक पानी भरा है। धान की जड़ सड़ने और पौधे के गिरने के पूर्व किसान कटाई करने को विवश हैं। हालत यह है कि पानी भरे खेत में किसान चारपाई लेकर पहुंच रहे हैं। फसल काट कर चारपाई पर रख रहे हैं।

दरअसल इस वर्ष धान की नर्सरी डालने के साथ ही बरसात प्रारंभ हुई तो अक्टूबर माह में जलप्रलय आ गया। ताल से लेकर पोखरी एवं नदी तक लबालब भर गई। मैदानी भूभाग में भी बाढ़ आ गई। हाल यह कि कुछ क्षेत्रों में धान की फसल पक गई है तो कुछ क्षेत्रों में दस-पंद्रह दिनों की देर है। पकी फसल की स्थिति में किसान पानी होने के बावजूद चारपाई आदि का सहारा लेकर कटाई कर रहे हैँ। धान की कटाई के बाद खेत में पानी होने के चलते नई कोपलें फूट रही हैं। कुछ स्थानों पर खेत में इतना पानी है कि चंद दिनों बाद बाली से लदे पौधों का गिरना तय है। इसके चलते किसान दाना पूरा पका न होने के बावजूद कटाई कर रहे हैं। बड़ी समस्या यह कि खरीफ की फसल तो नष्ट हुई, रबी की बोआई भी विलंबित होनी तय है। उधर, बड़े किसान हार्वेस्टर से ही कटाई कराएंगे। खेत कब हार्वेस्टर से कटाई योग्य होगा, कहा नहीं जा सकता है। कटाई के बाद खेत जुताई योग्य होने के बाद ही रबी की बोआई होगी। ऐसे में तय है कि रबी की बोआई विलंबित होगी।

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