प्रकाशन के पूर्व आरक्षण सूची वायरल करने में गाज गिरनी शुरू, एक निलंबित

त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के तहत प्रधान सहित विभिन्न पदों की आरक्षण सूची ।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 10:04 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 10:04 PM (IST)
प्रकाशन के पूर्व आरक्षण सूची वायरल करने में गाज गिरनी शुरू, एक निलंबित
प्रकाशन के पूर्व आरक्षण सूची वायरल करने में गाज गिरनी शुरू, एक निलंबित

जागरण संवाददाता, मऊ : त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के तहत प्रधान सहित विभिन्न पदों की आरक्षण सूची प्रकाशित होने से पूर्व वायरल होने पर अब गाज गिरनी शुरू हो गई है। गुरुवार को जिला पंचायत राज अधिकारी ने अपने एक कर्मचारी को निलंबित कर दिया। दो मार्च को ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य व जिला पंचायत सदस्य की आरक्षण सूची प्रकाशन का प्रकाश होना था। अभी सूची विकास भवन में तैयार ही की जा रही थी कि एक मार्च को इंटरनेट मीडिया पर आरक्षण सूची वायरल होने से हड़कंप मच गया था। सुबह से ही जैसे-जैसे आरक्षण लीक होता गया, वैसे-वैसे गंवई समीकरण बनते-बिगड़ते गए। हालांकि उस दिन प्रशासन चुप्पी साधे रहा पर गोपनीय जांच में वायरल करने की कोशिश उजागर होने के बाद डीपीआरओ ने कार्रवाई की।

एक मार्च को विकास भवन में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के तहत ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य व जिला पंचायत सदस्य पदों का आरक्षण जिला पंचायत राज विभाग तैयार कर रहा था। भोर में तीन बजे तक आरक्षण तैयार किया जाता रहा पर विभाग की मिलीभगत के चलते प्रकाशन के पहले ही आरक्षण की सूची लीक हो गई। मामला तब खुला जब दोहरीघाट ब्लाक क्षेत्र के ब्लाक प्रमुख पद के एक दिग्गज उम्मीदवार के यहां तक वायरल सूची पहुंच गई। इस सूची में उनके वार्ड का आरक्षण था। इसके बाद हड़कंप मच गया था। कारण यह रहा कि दिग्गज उसी वार्ड से क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ने की मंशा पाले हुए थे। वायरल आरक्षण सूची को देख खिन्न दिग्गज विकास भवन धमक पड़े और अधिकारियों से बहसबाजी हुई। हालांकि इस मसले में सूची वायरल करने वाले कर्मचारी के विरुद्ध कार्रवाई करने व एफआइआर के भी दिनभर चर्चा उड़ती रही परंतु कोई अधिकारी मुंह खोलने को राजी तक नहीं हुआ। उधर सूची को लेकर प्रकाशन वाले दिन विकास भवन में सुबह से देर रात तक लोगों का जमावड़ा लगा रहा। इस बीच प्रशासन ने गोपनीय जांच कराया तो इसमें कर्मचारी दोषी पाया गया। जिसे निलंबित कर दिया गया। एडीओ पंचायत दोहरीघाट के साथ सफाइकर्मी सुखदेव भी आया था। उसने कार्यालय से आरक्षण सूची को इंटरनेट मीडिया पर वायरल करने की कोशिश की। उसे निलंबित करते हुए पूरे प्रकरण की जांच एडीपीआरओ को सौंपी गई है। एक माह के अंदर एडीपीआरओ अपनी आख्या प्रेषित करेंगे। आख्या के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।

- घनश्याम सागर, डीपीआरओ, मऊ।

आखिर गोपनीय कक्ष में कैसे गया सफाइकर्मी

विभिन्न पदों के आरक्षण बनाने के दौरान विकास भवन में जहां आरक्षण का खाका तैयार किया जा रहा था वहां पर सूची बनाने में लगे अधिकारी-कर्मचारी के अतिरिक्त अन्य किसी का आना-जाना वर्जित था। ऐसे में दोहरीघाट का सफाइकर्मी कैसे वहां तक पहुंचा और सूची वायरल करने की कोशिश की। चर्चा रही कि इसमें विभाग के कुछ लोगों की संलिप्तता रही है।

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