बिजली ने बढ़ाई किसानों की चिता, पानी के लिए हाहाकार
जागरण संवाददाता रानीपुर (मऊ) कहीं नहर सूखी तो कहीं सरकारी नलकूप दे रहे दगा। कह
जागरण संवाददाता, रानीपुर (मऊ) : कहीं नहर सूखी तो कहीं सरकारी नलकूप दे रहे दगा। कहीं पानी के अभाव के साथ ही बार-बार हो रहे बिजली कटौती से किसानों की बेचैनी बढ़ गई है। धान की सूख रही खड़ी फसल को लेकर किसानों में हाहाकार मचा हुआ है। वे अपनी फसल को बचाने के लिए प्राइवेट नलकूपों को सहारा लेकर मंहगे दामों पर धान की खेत की सिचाई कर रहे हैं। सरकार भले ही 24 घंटा शहर में तो ग्रामीण क्षेत्र में 16 से 18 घंटे बिजली देने की दवा कर रही है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। ऐसा हाल जिले के सभी ग्रामीण क्षेत्रों का है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति रानीपुर ब्लाक क्षेत्र के रानीपुर, पलिगढ़, तेंदुली, पलिया, फतेहपुर, मखुनी, भरुकवां, भुसुवां आदि गांवों में है। इन दिनों सरकारी नलकूपों ने साथ छोड़ दिया है तो ऊंचे खेतों के काश्तकार अपनी धान की फसल के लिए पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। इस संबंध में किसानों का कहना है कि विद्युत कर्मचारियों के लापवाही चलते आपूर्ति न होने से किसानों को परेशानी हो रही है। इसके साथ ही ट्रांसफार्मरों के जल जाने से धान की फसल पानी के अभाव में पीली हो रही है। वे प्राइवेट ट्यूबवेलों के सहारे मंहगे दामों पर अपनी फसल को बचाने में जुटे हुए हैं।