डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों से किसानों के माथे पर बल
जागरण संवाददाता मऊ पेट्रोलियम पदार्थ के दाम कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं या यू कह
जागरण संवाददाता, मऊ :पेट्रोलियम पदार्थ के दाम कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं, या यू कहे कि उसे कम किए जाने का प्रयास नहीं हो रहा है। इसकी कीमतों में उछाल से दैनिक उपयोगी सामानों के दाम बढ़ने के साथ अब किसानों के माथे पर चिता की लकीरें आ चुकी है। रोज तेल के दाम बढ़ने से जोताई के साथ तैयार फसल की कटाई प्रभावित हो रही है। पिछले दिनों जहां जोरदार बारिश के किसानों की फसल क्षतिग्रस्त हो गई थी। किसान अभी उससे उबर भी नहीं पाया था कि डीजल के लगातार बढ़ते दामों ने उसकी कमर तोड़ दी है।
किसान अब दलहन और तिलहन के फसल की बोआई की तैयारी में जुट गया है लेकिन डीजल, खाद और बीज के आसमान छूते दाम ने उसे मुश्किल में डाल रखा है। तेल के दाम रोजाना बढ़ने से ट्रैक्टर वाले रोजाना जोताई की दर बढ़ा दे रहे है। वहीं डीएपी, यूरिया और बीजों के दाम भी पहले की तुलना में दो गुना हो चुके हैं।
किसानों के सामने पैदा हो जाएगा भुखमरी का संकट
तेल के दाम रोज बढ़ रहे हैं जिससे ट्रैक्टर से जोताई भी रोज बढ़ रही है, वहीं बेसहारा मवेशियों का भी डर बना रहता है। महंगाई का आलम यही रहा तो किसानों के सामने भुखमरी का संकट पैदा हो जाएगा। अभी बारिश से नुकसान और अब बढ़ती महंगाई सरकार को इससे निजात दिलाने के लिए प्रयास करना चाहिए।
- पंकज, किसान
अन्नदाताओं को मिले राहत
महंगाई से निजात दिलाने के लिए अन्नदाताओं को सरकार को राहत देनी चाहिए। अगर वह खेती से मुंह मोड़ लेगा तो अनाज का उत्पादन कैसे होगा।
- सभापति, किसान
मझोले किसान बुरी तरह से हो रहे प्रभावित
डीजल के साथ खाद और बीज के दामों में भी बढ़ोतरी हुई है। मझोले किसान इससे बुरी तरह प्रभावित है। बोआई के दौरान लागत ही कमर तोड़ दे रही है, लेकिन वह भी प्रकृति पर निर्भर है किसानों के हिस्से क्या आएगा। सरकार को अन्नदाता के लिए निर्णायक कदम उठाने चाहिए।
- राकेश, किसान
पेट्रोलियम पदार्थ के दाम पर हो नियंत्रण
किसानों के राहत देने के लिए पेट्रोलियम पदार्थ के दाम पर नियंत्रण लगना चाहिए। साथ ही किसानों के लिए राहत पैकेज की घोषणा होनी चाहिए।
- अभिषेक, किसान