घनीभूत हुई आदिशक्ति के साधकों की आस्था

आध्यात्मिक भौतिक व दिव्य शक्तियों के संधान के महाव्रत वासंतिक नवरात्र की महासप्तमी को आदिशक्ति के साधकों की आस्था और अधिक घनीभूत हो उठी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 12 Apr 2019 05:32 PM (IST) Updated:Fri, 12 Apr 2019 09:08 PM (IST)
घनीभूत हुई आदिशक्ति के साधकों की आस्था
घनीभूत हुई आदिशक्ति के साधकों की आस्था

जागरण संवाददाता, मऊ : आध्यात्मिक, भौतिक व दिव्य शक्तियों के संधान के महाव्रत वासंतिक नवरात्र की महासप्तमी को आदिशक्ति के साधकों की आस्था और अधिक घनीभूत हो उठी। जनपद के सभी देवी मंदिरों में मां के दर्शन के लिए शुक्रवार को प्रात:काल से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। पूरे दिन देवी दरबारों में मां के जयकारे गूंजते रहे। लोगों ने मां के दर्शन कर अपूर्व तेज का वरण किया।

महासप्तमी के दिन साधकों ने नवदुर्गा के सातवें रूप भगवती कालरात्रि का दर्शन-पूजन किया। पुराणों के अनुसार मां का सातवां स्वरूप कालरात्रि का है। इसी रात में तांत्रिक साधकों ने तंत्र साधना किया। मां कालरात्रि की उपासना से मानव के सभी कलुष धुल जाते हैं। इसी मान्यता के अनुसार श्रद्धालुओं ने मंदिरों में जाकर मां के स्थापित स्वरूप का दर्शन-पूजन किया। मंत्रों की साधना व सिद्धि भी की। नगर के मां शीतला मंदिर व जनपद के प्रमुख शक्तिस्थल मां वनदेवी धाम में पूरे दिन भक्तों का रेला लगा रहा। उनके द्वारा लगाए जा रहे जयकारे से पूरा वातावरण गूंज उठा। नगर के आजमगढ़ मोड़ स्थित मां सिद्धेश्वरी दुर्गा मंदिर, फातिमा चौक स्थित मां दुर्गा मंदिर, कोरौली दुर्गा मंदिर, कोपागंज स्थित मां शारदा मंदिर, मां मैहरदेवी मंदिर, मां अष्टभुजा मंदिर, मां कोयल मर्याद भवानी मंदिर, मां डग्दुअरिया देवी मंदिर आदि देवी धामों में श्रद्धालुओं का रेला उमड़ा पड़ा था।

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