नवपुरा में तो प्रतिदिन फंसते हैं दर्जनों मालवाहक

जागरण संवाददाता घोसी (मऊ) घोसी-नदवासराय मार्ग पर नवपुरा चट़्टी क्षेत्र में बीते पांच दिनों

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 04:23 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 09:04 PM (IST)
नवपुरा में तो प्रतिदिन फंसते हैं दर्जनों मालवाहक
नवपुरा में तो प्रतिदिन फंसते हैं दर्जनों मालवाहक

जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : घोसी-नदवासराय मार्ग पर नवपुरा चट़्टी क्षेत्र में बीते पांच दिनों से प्रतिदिन मालवाहक वाहन दलदल में तब्दील सड़क में फंस जाते हैं। वाहन चालक किसी तरह जेसीबी की व्यवस्था करते हैं या ट्रक में लदा सामान ट्रैक्टर-ट्राली पर उतरवाकर ट्रक निकालते हैं।

सपा शासनकाल के अंतिम वित्तीय वर्ष में चिरैयाकोट-नदवासराय-घोसी-मधुबन सड़क के चौड़ीकरण एवं सु²ढीकरण के लिए धनराशि स्वीकृत हुई। इसके बाद कार्य टुकड़ों में प्रारंभ हुआ। अभी तक बलुवापोखरा से नदवासराय मोड़ तक सड़क जस की तस है। कुछ दिनों पूर्व नवपुरा क्षेत्र में सड़़क पर कुछ दूर तक मिट्टी डाली गई। गत सप्ताह हुई बरसात में मिट्टी कीचड़ बन गई है। पिछले सोमवार की सुबह कई लोड बड़े वाहन सड़क के गड्ढों में फंसे तो आक्रोशित सपा नेताओं ने सड़क के गड्ढों में धान की रोपाई कर आक्रोश प्रकट किया।--

फोरलेन के नीचे नहीं बनी पुलिया, मखदूमपुर में जलजमाव

जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : फोरलेन निर्माण के पूर्व जलनिकासी के लिए पुलिया निर्माण के बाबत किया गया सर्वे मानक के अनुरूप न होने से मखदूमपुर गांव के नागरिक त्रस्त हैं। दरअसल परंपरागत जल निकासी व्यवस्था को नजरअंदाज कर सर्वे के दौरान नई जगह पर पुलिया निर्माण स्वीकृत हुआ। अब हाल यह कि बरसात के दिनों में इस गांव का पानी फोरलेन बाईपास के समीप एकत्रित होता है। फोरलेन निर्माण पूर्व मखदूमपुर क्षेत्र का पानी गांव के पश्चिम से होता हुआ पकड़ी ताल में जाता था। कुछ पानी उत्तर दिशा की ओर प्रवाहित होता हुआ घेसी-पकड़ी मार्ग के किनारे से ताल में गिरता था। फोरलेन निर्माण के दौरान मखदूमपुर-पकड़ी सड़क के किनारे से होकर जाने वाले नाले का वजूद समाप्त हो गया। एनएचआइ ने सर्वे के दौरान इस सड़क के समीप के नाले के स्थान पर पुलिया निर्माण का प्रावधान नहीं रखा। एक पुलिया मखदूमपुर के दक्षिण तो दूसरी पुलिया उत्तर तरफ बनी है। जलजमाव के क्षेत्र से दोनों की अधिक दूरी होने का परिणाम यह कि इन तक पानी पहुंचने के पूर्व ही फोरलेन के किनारे के खेतों की फसल जलमग्न हो जाती है। पूर्व बीडीसी सदस्य एवं बसपा नेता चंद्रशेखर ने संपूर्ण समाधान से लेकर समाधान दिवस तक यह मुद्दा उठाया है पर प्रगति शून्य है।

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