राजभर संगठन में मचा घमासान

बिना राष्ट्रीय अध्यक्ष की अनुमति से प्रत्याशी घोषित करने पर मची रार - राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश अध्यक्ष को भी दिखाया बाहर का रास्ता - राष्ट्रीय अध्यक्ष त्रिलोकी राजभर ने कहा संगठन सियासी नहीं सामाजिक

By JagranEdited By: Publish:Fri, 19 Apr 2019 06:14 PM (IST) Updated:Fri, 19 Apr 2019 06:14 PM (IST)
राजभर संगठन में मचा घमासान
राजभर संगठन में मचा घमासान

जागरण संवाददाता, मऊ : राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश अध्यक्ष के हस्ताक्षर से प्रदेश की 17 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा के बाद अखिल भारतीय राजभर संगठन में घमासान मच गया है। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष त्रिलोकी राजभर ने शुक्रवार को राजभर प्रत्याशियों की सूची को अवैध करार देते हुए संगठन के राष्ट्रीय महासचिव रामकृष्ण भारद्वाज व प्रदेश अध्यक्ष लालचंद राजभर को संगठन से पदच्युत कर दिया। राष्ट्रीय अध्यक्ष त्रिलोकी ने संरक्षक समिति का स्वयं को अध्यक्ष लिखने वाले घोसी लोकसभा क्षेत्र के सांसद हरिनारायन राजभर के पद को भी अवैध ठहराया दिया है।

अखिल भारतीय राजभर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष त्रिलोकी राजभर ने शुक्रवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दो टूक कहा कि संगठन एक सामाजिक संगठन है, राजनैतिक संगठन नहीं है। रामकृष्ण भारद्वाज ने जो प्रत्याशियों की सूची जारी की है, वह अवैध है। संगठन को सियासी हवा देने के चलते रामकृष्ण भारद्वाज को राष्ट्रीय महासचिव पद से तथा प्रदेश अध्यक्ष लालचंद राजभर को प्रदेश अध्यक्ष पद से 19 अप्रैल से हटा दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि अखिल भारतीय राजभर संगठन के बाइलाज में संरक्षक समिति का उल्लेख नहीं है, इसलिए सांसद हरिनारायन राजभर का संरक्षक समिति का अध्यक्ष होना अवैध है। त्रिलोकी ने कहा कि अखिल भारतीय राजभर संगठन राजभर जाति के व्यक्तियों का संगठन है, जिसके सदस्यों की अलग-अलग राजनैतिक विचारधारा हो सकती है, लेकिन सामाजिक विचारधारा एक है। यह संगठन सामाजिक सम्मान की लड़ाई लड़ता है। राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से प्रत्याशियों की सूची जारी करते हुए लिखे गए पत्र को त्रिलोकी राजभर ने सिरे से खारिज कर दिया।

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