प्रतिबंध के बावजूद बही मां के श्रद्धा की बयार

जागरण संवाददाता मऊ रविवार को प्रतिबंध के बावजूद जनपद के विभिन्न देवी मंदिरों में मां के

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 04:49 PM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 04:49 PM (IST)
प्रतिबंध के बावजूद बही मां के श्रद्धा की बयार
प्रतिबंध के बावजूद बही मां के श्रद्धा की बयार

जागरण संवाददाता, मऊ : रविवार को प्रतिबंध के बावजूद जनपद के विभिन्न देवी मंदिरों में मां के श्रद्धा की बयार बही। सुबह होते ही लोग मां के मंदिरों में पहुंच गए और छठवें दिन मां कत्यायनी का पूजन अर्चन कर कोरोना से मुक्ति की गुहार लगाई। इस दौरान घंट-घड़ियाल की गूंज से पूरा माहौल ही देवी मय हो गया है। शहर के शीतला देवी मंदिर पर सुबह छह बजे से ही श्रद्धालु पहुंचना शुरू कर दिए थे। यहां मां के पूजन अर्चन कर अपने सुख समृद्धि की कामना कीं।

चौबेपुर गांव स्थित कामनेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी कृष्णानंद उपाध्याय ने कहा कि माता ने अपने इस पुत्री स्वरूप से पिता के कुल की रक्षा का संदेश दिया। कात्यायन ऋषि ने तप कर देवी से वरदान मांगा कि आप पुत्री रूप में मेरे कुल में जन्म लें। देवी ने अपना अजन्मा स्वरूप त्याग कर कात्यायन ऋषि की पुत्री के रूप में जन्म ली। सामान्यत: पुत्री का गोत्र पति के गोत्र सेचलता है। लेकिन यहां देवी सदा सर्वदा के लिए पिता के गोत्र से जुड़ गईं। इसी कारण देवी का नाम कत्यायनी पड़ा। इस रात्रि जागरण और जप करने से साध की सहज ही माता कात्यायनी की कृपा का लाभ मिलता है। नवरात्र की षष्टी माता सरस्वती को समर्पित है। इसके अलावा मां आदिशक्ति की आराधना व पूजा के लिए नगर के शीतला माता मंदिर, मां वनदेवी धाम, दोहरीघाट स्थित मातेश्वरी धाम, कोरौली दुर्गा मंदिर, मां कोयल मर्याद भवानी मंदिर, मधुबन के मां शारदा पीठ मैहर मंदिर, फातिमा चौक स्थित मां दुर्गा मंदिर, मां सिद्धेश्वरी मंदिर समेत ग्राम-ग्राम में स्थित छोटे-बड़े सभी देवी मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालु पूजन अर्चन कर रहे हैं। नवरात्र में यह मंदिर गुलजार हैं। पूरी तरह से मां की श्रद्धा लोगों के प्रति जुड़ी हैं। लोग कोरोना से मुक्ति पाने के लिए मां से प्रार्थना भी कर रहे हैं।

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