घनी आबादी के लिए मोबाइल टावर बन सकते हैं जानलेवा
जागरण संवाददाता मुहम्मदाबाद गोहना (मऊ) कस्बा सहित आस-पास क्षेत्रों में मानक को दरकिनार ल
जागरण संवाददाता, मुहम्मदाबाद गोहना (मऊ) : कस्बा सहित आस-पास क्षेत्रों में मानक को दरकिनार लगाए गए मोबाइल टावर लोगों के जानलेवा साबित हो रहे हैं। इससे निकलने वाले खतरनाक विकिरणें न सिर्फ मनुष्य के लिए घातक है बल्कि पशु-पक्षियों पर भी इसका कुप्रभाव पड़ रहा है। इससे सावधान रहने की जरूरत है। मानक की अनदेखी कर दर्जनों स्थानों पर लगाए गए मोबाइल टावर को लेकर क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश है।
तहसील के ग्रामीण एवं नगर क्षेत्रों में जगह-जगह नियम कानून को ताक पर रखकर मोबाइल टावर की स्थापना की गई है। तहसील के अलग-अलग क्षेत्रों में विभिन्न दूरसंचार कंपनियों के दर्जनों टावर स्थापित है। इसके सापेक्ष कुछ टावर ऐसे हैं जो घनी आबादी में लगाए गए हैं। इन टावरों से निकलने वाली गामा किरणें आमजन के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है। इसकी शिकायत कई बार जिम्मेदार अधिकारियों से की गई लेकिन अब तक कोई सार्थक कदम नहीं उठाया गया। हाल यह है कि कई जगहों पर तो लोगों ने अपने छतों पर इसे लगवा लिया है। क्षेत्रों में ऐसे स्थापित टावरों के लिए संबंधित कंपनियों के लखनऊ स्थित कार्यालय में लाइसेंस दिया जाता है। जबकि पर्यावरण विभाग की तरफ से एनओसी प्रमाण पत्र भी दिया जाता है। इसके बावजूद मानक की अनदेखी कर स्थापित किए गए टावरों को हटाए जाने की शिकायत कई बार जिम्मेदार अधिकारियों से की गई। जिम्मेदार अधिकारी तनिक भी इधर ध्यान नहीं दिए।
कस्बे के जगदीश गुप्ता ने नाराजगी जताते हुए कहा कि तहसील में जितने भी मोबाइल टावर लगे हैं, उनमें से ज्यादातर मानक की अनदेखी कर लगाए गए हैं। इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों से की गई हैं। गालिबपुर निवासी संजय ने कहा कि घनी आबादी में ही मोबाइल टावर की स्थापना कर दी गई है। इससे निकलने वाली जहरीली विकिरणें आमजन के स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल रही है। इसके बावजूद इसे हटाने को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। कोलौरा निवासी संतोष राजभर ने कहा कि तहसील मुख्यालय पर ही ज्यादातर मोबाइल टावर मानक की अनदेखी कर लगाए गए हैं। उन्हें हटाए जाने की मांग समय-समय पर की जाती है लेकिन गंभीरता नहीं दिखाई दिखाई जा रही है।
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यह है मानक .....
-घनी आबादी के बीच टावर नहीं लगाया जाना है।
-सरकारी व आवासीय भवनों की छत पर भी नहीं लगना चाहिए।
-राष्ट्रीय राजमार्ग से 20 से 50 मीटर दूरी पर लगाया जाना चाहिए।
-अन्य मार्गों से 20 से 30 मीटर की दूरी पर रहना चाहिए।
-ऐतिहासिक व पूजा स्थलों की छत पर भी नहीं लगना चाहिए।
वर्जन
क्षेत्रों में लगे मोबाइल टावर से निकलने वाली रेडिएशन मनुष्य एवं उड़ने वाली चिड़ियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती हैं। ऐसे मोबाइल टावर घनी आबादी से दूर रहने चाहिए। मोबाइल के टावरों से निकलने वाली रेडिएशन से मनुष्य के ब्रेन पर भी असर पड़ता है। नींद नहीं आती है। हाथ पैर पर भी इसका असर पड़ता है। इन टावरों से दूर रहने की जरूरत है।
डा. दिनेश कुमार चंद्रा, अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मुहम्मदाबाद गोहना मऊ ।