महामारी की भेंट चढ़ गया एतिहासिक 5वीं बराम का मेला
तहसील क्षेत्र के ग्रामसभा दरगाह स्थित संत मीरा शाह बाबा के मजार पर पिछले कई सौ सालों से हर वर्ष गंगा दशहरा स्नान के ठीक बाद लगातार सात गुरुवार को मेला लगता है। इसमें 5वीं बराम के मेला की अपनी एक विशेष पहचान होती है। मेला में देश के कोने-कोने से हजारों की संख्या में जायरीन इकट्ठा होकर मजार पर अकीदत से सिर झुकाते हैं और मेला का लुत्फ उठाते हैं। मगर इस साल देश में उपजे कोरोना महामारी के संकट ने जायरीनों को मायूस कर दिया।
जागरण संवाददाता, मधुबन (मऊ) : तहसील क्षेत्र के ग्रामसभा दरगाह स्थित संत मीरा शाह बाबा के मजार पर पिछले कई सौ सालों से हर वर्ष गंगा दशहरा स्नान के ठीक बाद लगातार सात गुरुवार को मेला लगता है। इसमें 5वीं बराम के मेला की अपनी एक विशेष पहचान होती है। मेला में देश के कोने-कोने से हजारों की संख्या में जायरीन इकट्ठा होकर मजार पर अकीदत से सिर झुकाते हैं और मेला का लुत्फ उठाते हैं। मगर इस साल देश में उपजे कोरोना महामारी के संकट ने जायरीनों को मायूस कर दिया।
गुरुवार को 5वीं बराम के मेला की तिथि थी, मगर चूंकि मेला कमेटी ने इस साल सभी मेलों को स्थगित किए जाने का पहले से ही निर्णय ले लिया था। इससे मेला स्थल पर सन्नाटा पसरा हुआ है। जहां हजारों की भीड़ लगती थी, वहां इक्का-दुक्का लोग ही नजर आए। मेला स्थगित होने से महिलाओं एवं बच्चों की उपस्थिति नगण्य रही। हालांकि मेला स्थगन के बाद भी दो-चार की संख्या में लोग मजार पर पहुंचे और अकीदत के फूल चढ़ा अपने एवं अपने परिवार के लिए अमन चैन की दुआ मांगी। मेला कमेटी के अध्यक्ष सैयद सबी अहमद ने बताया कि मजार के मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया गया है। बावजूद इसके एक-दो की संख्या में लोग आ जा रहे हैं। जिन्हें पिछले गेट से केवल मजार पर फातेहा पढ़ने की ही अनुमति दी जा रही है। मजार पर किसी भी हाल में भीड़ इकट्ठा नहीं होने दी जाएगी।