पंजाब के डीजीपी, एडीजी जेल व मोहाली जेल अधीक्षक के खिलाफ अवमानना याचिका
जागरण संवाददाता मऊ उच्च न्यायालय प्रयागराज द्वारा पांच-छह महीने में केस के निपटारे के अ
जागरण संवाददाता, मऊ : उच्च न्यायालय प्रयागराज द्वारा पांच-छह महीने में केस के निपटारे के आदेश के बाद भी मुख्य आरोपित मुख्तार अंसारी को पंजाब पुलिस व जेल प्रशासन द्वारा पेश नहीं किया जा रहा है। जबकि इस संबंध में एमपी-एमएलए कोर्ट लगभग आधा दर्जन बार आदेश कर चुका है। पंजाब राज्य की जेल में बंद माफिया डान मुख्तार अंसारी को न्यायालय के समक्ष पेश नहीं किए जाने को मुकदमा वादी अशोक सिंह ने न्यायालय के आदेश की अवमानना करार देते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है। इसे जानबृझकर मामले को लंबा खींचने की साजिश करार दिया गया है। इसमें पंजाब पुलिस महानिदेशक, एडीजी जेल व जेल अधीक्षक रूपनगर मोहाली को आरोपित बनाया गया है। मंगलवार को दाखिल याचिका का नोटिस इन अधिकारियों को वाया पंजीकृत डाक भेज दिया गया है।
जनपद के ए श्रेणी ठीकेदार मन्ना सिंह दोहरे हत्याकांड में मुख्य गवाह रहे ठीकेदार रामसिंह मौर्य व उनके गनर सतीश कुमार की 19 मार्च 2010 को नगर के हकीकतपुरा स्थित एआरटीओ कार्यालय के सामने अंधाधुंध गोलीबारी कर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मन्ना सिंह हत्याकांड के मुकदमा वादी अशोक सिंह ने सदर विधायक मुख्तार अंसारी समेत उनके प्रमुख शूटर राकेश पांडेय उर्फ हनुमान, अनुज कन्नौजिया, राजेश कुमार सिंह उर्फ राजन, जामवंत कन्नौजिया उर्फ राजू को नामजद किया था। इस मामले की सुनवाई अब एमपी-एमएलए कोर्ट प्रयागराज में चल रही है। उच्च न्यायालय ने इस मामले को जल्द से जल्द पांच-छह माह में निपटाने का आदेश दिया है। वादी मुकदमा अशोक सिंह ने बताया कि एमपी-एमएलए कोर्ट लगभग आधा दर्जन बार मुख्तार अंसारी को पेश करने का आदेश दे चुकी है लेकिन हर बार वह पेशी पर अलग-अलग बहाने बनाकर आने से वह बच जाता है। यह सरासर उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना है। इसी बहाने मामले को और लंबा खींचने की उसकी साजिश में उन्होंने पंजाब पुलिस के महानिदेशक, एडीजी जेल व जेल अधीक्षक रूपनगर मोहाली को आरोपित किया है। उन सबके विरुद्ध उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दाखिल की गई है, उसकी कॉपी आरोपितों को प्रेषित कर दी गई है।