सिगरेट और पान मसाला के दामों में दोगुना इजाफा

कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने पान मसाला और सिगरेट पर फिलहाल रोक लगा दिया है। कोरोना वायरस जो ड्रापलेट से फैलता है तथा सिगरेट पीने वालों को सीधे श्वसन तंत्र नली को भी प्रभावित करता है जिस कारण सरकार ने इन सभी उत्पादों की खरीद और ब्रिक्री पाबंदी लगा दिया है। लॉकडाउन के प्रथम चरण में जो इनके आदि हो चुके थे वह किसी तरह पान व सिगरेट पा सके। उत्पादन बंद होने से शुरूआत में खूब काला बाजारी भी हुई लेकिन अब सेवन करने वालों में ही कमी आई है। फिलहाल ऐसे उत्पादों पर प्रतिबंध के कारण कोई भी दुकानदार रख भी नहीं रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 30 May 2020 05:52 PM (IST) Updated:Sat, 30 May 2020 05:52 PM (IST)
सिगरेट और पान मसाला के दामों में दोगुना इजाफा
सिगरेट और पान मसाला के दामों में दोगुना इजाफा

जागरण संवाददाता, मऊ : कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने पान मसाला और सिगरेट पर फिलहाल रोक लगा दिया है। कोरोना वायरस जो ड्रापलेट से फैलता है तथा सिगरेट पीने वालों को सीधे श्वसन तंत्र नली को भी प्रभावित करता है जिस कारण सरकार ने इन सभी उत्पादों की खरीद और ब्रिक्री पाबंदी लगा दिया है। लॉकडाउन के प्रथम चरण में जो इनके आदि हो चुके थे वह किसी तरह पान व सिगरेट पा सके। उत्पादन बंद होने से शुरूआत में खूब कालाबाजारी भी हुई लेकिन अब सेवन करने वालों में ही कमी आई है। फिलहाल ऐसे उत्पादों पर प्रतिबंध के कारण दुकानदार चोरी-छिपे बेच रहा है।

कोरोना वायरस के लक्षणों में सर्दी, जुकाम, खांसी व बुखार का होना बताया जाता है। इसलिए सरकार सभी को मास्क लगाने के साथ अंतराल पर हाथ धोने के लिए जागरूक कर रही है। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सरकार ने पान मसाला व सिगरेट पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दिया। कोरोना वायरस जो ड्रापलेट से भी फैलता और सबसे पहले गले को ही प्रभावित करता है और श्वसन तंत्र नलिका को संक्रमित करते हुए सीधे फेफड़े को ही प्रभावित करता है। एहतियात के तौर पर सरकार ने पान मसाला व सिगरेट की खरीद व बिक्री पर पुरी तरह रोक लगा दिया। लॉकडाउन के प्रथम चरण में जब इन उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया गया तो शौकीनों को पाने के लिए तय मूल्यों से अधिक दाम देना पड़ा था। पूर्ण प्रतिबंध के बाद अब कोई भी विक्रेता ऐसे उत्पादों को मंगाने से परहेज कर रहा है। एक विक्रेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रतिबंध के कारण ये वस्तुएं मिल नहीं रही हैं, अगर कहीं पुराना स्टाक है, और मिल भी रहा है तो इनकी कीमतें इतना बढ़ गई हैं कि हम लोग मंगा ही नहीं रहे।

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