चीन को जबर्दस्त पटखनी, देशी राखियों का बुलंद रहा झंडा

जागरण संवाददाता मऊ भारत से रार चीन को महंगा पड़ रहा है। इस बार देश की जनता

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 11:25 PM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2020 11:25 PM (IST)
चीन को जबर्दस्त पटखनी, देशी राखियों का बुलंद रहा झंडा
चीन को जबर्दस्त पटखनी, देशी राखियों का बुलंद रहा झंडा

जागरण संवाददाता, मऊ : भारत से रार, चीन को महंगा पड़ रहा है। इस बार देश की जनता ने रक्षाबंधन पर्व पर चीन निर्मित राखियों को पूरी तरह से नकार दिया। लोगों के रोष और मांग को देखते हुए बड़े व्यापारियों ने पहले ही चीन निर्मित राखी से तौबा करने की ठान ली थी, रही सही कसर कोरोना के चलते लागू लॉकडाउन ने पूरी कर दी। लिहाजा, देशी राखियों का बाजार सीधा दोगुना हो गया। बाजार में महज दो फीसद चीन की वही राखियां बिक सकीं, जो पिछले साल की बच गई थीं।

शहर में चालीस वर्षों से राखी निर्माण में लगे हबीबुल्लाह टांडवी इस बार के बाजार से बहुत खुश हुए। जागरण संवाददाता का फोन जाते ही बोल उठे, आप लोगों की दुआओं और अल्लाह-त-आला की रहमत से इस बार दो गुनी राखियां बिक गईं। जितनी बनाई थी, उनमें से कुछ भी शेष नहीं बचा। इंशा अल्लाह, पहले से पता होता तो और भी राखियां बनवाए होते। यह पूछे जाने पर कि पिछली बार की अपेक्षा कितनी बिकीं, उन्होंने बताया कि सीधा दोगुनी। इसका कारण पूछने पर उन्होंने बताया कि इस बार बाहर से राखियां आई ही नहीं। कोलकाता और दिल्ली की राखियां बाजार में जो एक माह पहले आ जाती थीं, इस बार बिलकुल ही नहीं आ सकीं। कोरोना के चलते लागू लॉकडाउन में व्यवसायी वहां से चीन निर्मित राखियां मंगा ही नहीं सके थे। इसलिए देशी राखियों की मांग बढ़ गई। जनपद ही नहीं, आसपास के जिलों के व्यापारी भी मऊ से राखियां खरीदने आ पहुंचे थे। इसका लाभ सीधे कारीगरों को मिला और व्यवसायियों को भी। श्री टांडवी बताते हैं कि अब अगली बार से वे उत्पादन और बढ़ा देंगे तथा चीन के माल को पूरे पूर्वांचल में घुसने नहीं देंगे। चीन से सस्ती हैं स्वदेशी राखियां

श्री टांडवी बताते हैं कि उनके द्वारा बनाई गई स्वदेशी राखियां चीन निर्मित राखियों से सस्ती पड़ती हैं। उनकी राखी में धागे से लगायत हर पत्थर और नग स्वदेशी होता है। वे चीन का कोई माल कभी इस्तेमाल ही नहीं करते, कारण कि चीन की राखियां कई पड़ावों को पार कर यहां आते-आते महंगी हो जाती हैं और अपनी राखी उससे सस्ती पड़ती है। साथ ही चीन की राखी दूसरे ही दिन तक खराब हो जाती है, जबकि भारतीय राखियां व्यक्ति चाहे तो काफी दिनों तक पहने रह सकता है।

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