पात्रों को नहीं मिला आवास, कागजों की गुत्थी में उलझा खंड विकास
रानीपुर ब्लाक के ग्रामसभा उमती के राजस्व गांव रतनपुर में आ।
जागरण संवाददाता, पलिगढ़ (मऊ) : रानीपुर ब्लाक के ग्रामसभा उमती के राजस्व गांव रतनपुर में आज भी पात्रों को आवास नहीं मिल सका है जिससे कुछ लोग झोपड़ी में रहने को मजबूर हैं। पैसे के अभाव में झोपड़ी भी जर्जर हो चुकी है। गांव निवासी मुराही देवी व उनके पति छोटू राजभर पात्र होने के बाद भी अब तक आवास से वंचित हैं। घर गृहस्थी की जिदगी टूटी फूटी कुटिया में बिता रहे हैं। बरसात के दिनों में जब पानी की बूंदे भिगोने लगी तो आसपास के लोगों ने झोपड़ी पर बरसाती लगवाया। वह भी जगह जगह फट गई है। ऐसे एक और परिवार रानी पत्नी श्रीराम राजभर का देखने को मिला। पति प्रवासी मजदूर है घर पर रानी छोटे छोटे बच्चों के साथ टूटी मड़ई में प्रधानमंत्री आवास कि सपना देख रहीं हैं। इनका तो नाम भी पात्रता सूची में भी नहीं है, ऐसे कई घर दिखे जो उक्त योजना से कोसों दूर हैं। दोनों दंपती अपनी व्यथा सुनाते हुए बताया कि जो पैसा दिया और जिसके पास पक्का मकान है उसे आवास मिला और मिल रहा है। हम लोगों के पास तो खाने के ही लाले पड़े रहे हैं। तो मैं कहां से दूं, वह तो मेरे पड़ोसी अच्छा है कि दुख सुख में मदद के लिए तैयार रहते हैं। बड़ी बात तो यह है कि उक्त आवास की जांच व सही व्यक्ति का चयन करने के लिए सचिव स्तर से लेकर ब्लाक के एडीओ तक से जांच कराई गई। इसके बावजूद ये कैसे छूट गए या यूं कहे कि इनकी आर्थिक स्थिति व कमजोर पाकेट को देखकर वंचित कर दिया गया। यह कहीं न कहीं ब्लाक प्रशासन पर सवालिया निशान उठाते हैं। पात्रता की सूची निर्धारण करने की जिम्मेदारी ग्राम सचिव की है। सूची की पुन: जांच कराई जाती है। बावजूद इसके अभी तक कुछ लोग आवास की योजना से वंचित हैं। अधिकतर मामलों में ग्राम सचिव की लापरवाही सामने आ रही है। जांच के बाद लाभार्थियों को पात्रता सूची में नाम डाला जाएगा।
जयेश कुमार सिंह, खंड विकास अधिकारी रानीपुर।