देशसेवा में शहीद हो गया चकरा का लाल

जागरण संवाददाता थलईपुर (मऊ) भारतीय सेना के जवान गणेश यादव (37 वर्ष) पुत्र विश्वनाथ यादव दे

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 06:19 PM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 06:19 PM (IST)
देशसेवा में शहीद हो गया चकरा का लाल
देशसेवा में शहीद हो गया चकरा का लाल

जागरण संवाददाता, थलईपुर (मऊ) : भारतीय सेना के जवान गणेश यादव (37 वर्ष) पुत्र विश्वनाथ यादव देशसेवा में शहीद हो गए। पुत्र के शहीद होने की सूचना मिलने के बाद से बूढ़े पिता की आंख से आंसुओं की धार रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। पत्नी दहाड़ मारकर रो रही हैं तो दो मासूम बच्चे बाबा व मां को रोते देखकर स्तब्ध हैं। उन्हें आसपास के लोग चुप करा रहे हैं। शहीद के भाई राजेश यादव भी सूचना मिलने के बाद मुंबई से गांव रवाना हो चुके हैं।

हलधरपुर थाना क्षेत्र के चकरा निवासी विश्वनाथ यादव की चार संतानों में सेना के जवान गणेश यादव दूसरे नंबर पर थे। उनकी दो पुत्रियों 40 वर्षीया विसमतिया व 26 वर्षीय ममता का विवाह हो चुका है। छोटा भाई 27 वर्षीय राजेश है। मां की मृत्यु चार साल पहले हो चुकी है। राजेश मुंबई में रहकर प्राइवेट नौकरी करते हैं। राजेश के अनुसार बुधवार की रात साढ़े ग्यारह बजे बटालियन की तरफ से फोन आया और बताया गया कि गणेश की ठंड लगने से मौत हो गई है। इसके बाद राजेश ने परिजनों को देर रात घटना से अवगत कराया।

सूचना मिलने के बाद बूढ़े पिता विश्वनाथ यादव, पत्नी तारा देवी के पैरों तले जमीन खिसक गई। पत्नी बेसुध हो गई। वह रह-रहकर बेहोश हो जा रही हैं। 10 वर्षीय पुत्री आसमां व सात वर्षीय पुत्र आकाश बाबा व मां के चीत्कार से सहम जा रहे हैं। यही नहीं वह भी रो रहे हैं। आसपास के लोग पत्नी व बच्चों को संभाल रहे हैं। सुबह तक घर पर सांत्वना देने वालों का तांता लगा रहा।

परिवार वालों का कहना है कि छोटे भाई राजेश का विवाह बीते वर्ष छह दिसंबर को था। छुट्टी न मिलने की वजह से जवान गणेश शादी समारोह में शामिल नहीं हो सके थे। इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि वह पिछले नवंबर माह में छुट्टी पर आकर ड्यूटी पर गए थे। --------------- वर्ष 2002 में सेना में भर्ती हुए थे गणेश गणेश शुरू से ही दौड़ एवं खेलकूद के शौकीन थे। यही परिणाम रहा कि वर्ष 2002 में 285 मीडियम रेजीमेंट में सिपाही के रूप में भर्ती हो गए। बेटे के सेना में भर्ती होने से किसान पिता सहित पूरे परिवार में खुशियों का माहौल रहा। उम्मीदें परवान चढ़ने लगीं। नौकरी मिलने के बाद वर्ष 2006 में पिता ने घोसी के नवापुरा निवासी तारा देवी से गणेश की शादी कर दी। तारा से दो बच्चे भी हैं।

----------------- गांव के लोगों को नहीं हो रहा विश्वास अपने गांव के लाल गणेश के शहीद होने की जानकारी जैसे ही गांव वालों को हुई, उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था कि गणेश अब दुनिया में नहीं रहे। अभी नवंबर में ही वह छुट्टियां बिताकर घर से लेह गए थे। यहां उनकी दूसरी बार तैनाती थी। गांव में गणेश की शहादत के बाद चूल्हे नहीं जले। परिवार वालों को सांत्वना देने वालों का तांता लगा रहा। सांत्वना देने वालों में वीरेंद्र यादव, अजय कुमार यादव, रमाकांत आदि शामिल रहे।

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