पुलिस की नाकामी बनी हत्या का कारण

सरायलखंसी थाना क्षेत्र के बढुआ गोदाम में अलसुबह फिल्मी अंदाज में हुई आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या पुलिस की नाकामी का परिणाम है। आरटीआई कार्यकर्ता को बार-बार मिल रही जान से मारने की धमकी के मामले में भी पूरा संज्ञान होने के बावजूद पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बना रहा। आज जब हत्या हो गई और आक्रोशित परिजन सीधे पुलिस प्रशासन के जिम्मेदारों पर हत्या का आरोप लगा रहे थे तो सीओ सिटी सफाई देते हुए दिखे। समाजसेवी ने जहां पुलिस अधीक्षक से लगायत सीओ सिटी से जानमाल के सुरक्षा की मांग की थी परंतु पुलिस बेखबर रही।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jan 2019 05:41 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jan 2019 10:40 PM (IST)
पुलिस की नाकामी बनी हत्या का कारण
पुलिस की नाकामी बनी हत्या का कारण

जागरण संवाददाता, मऊ : सरायलखंसी थाना क्षेत्र के बढुआगोदाम में अलसुबह फिल्मी अंदाज में हुई आरटीआइ कार्यकर्ता बालगो¨वद ¨सह की हत्या पुलिस की नाकामी का परिणाम है। आरटीआइ कार्यकर्ता को बार-बार मिल रही जान से मारने की धमकी के मामले का भी पूरा संज्ञान होने के बावजूद पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बना रहा। आज जब हत्या हो गई और आक्रोशित परिजन सीधे पुलिस प्रशासन के जिम्मेदारों पर हत्या का आरोप लगा रहे थे तो सीओ सिटी को सफाई देते नहीं बन रही थी। समाजसेवी ने पुलिस अधीक्षक से लगायत सीओ सिटी तक से जानमाल के सुरक्षा की मांग की थी परंतु पुलिस बेखबर रही। भ्रष्टाचार में प्रधान को भेजवाया था जेल

बढुआगोदाम निवासी बालगो¨वद ¨सह ने अपने ग्राम पंचायत के पूर्व प्रधान के विरुद्ध भ्रष्टाचार का मामला उठाया था। इस मामले में प्रशासन ने जांच कराई थी। जिसमें आरोप भी सही पाए गए थे। इस पर प्रशासन ने तत्कालीन प्रधान को जेल भेजते हुए प्रधान के पद से बर्खास्त करते हुए ग्राम पंचायत में त्रि-स्तरीय कमेटी गठित की थी। तबसे दोनों पक्षों के बीच तनातनी बनी थी। इसी बीच वर्ष 2017 के मई माह में मेडिकल संचालक घुरहू गुप्ता की दुकान पर ही ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में श्री ¨सह पंचनामा के गवाह थे। इसी दौरान श्री ¨सह ने अपने ग्राम पंचायत के पूर्व प्रधान के भाई पर फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर सिपाही के पद पर भर्ती होने का आरोप लगाया था। बकायदे उन्होंने पुलिस अधीक्षक को 17 सितंबर 2018 को इस मामले की जांच कराने को लेकर पत्र सौंपा था। इसमें पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर जांच सीओ सिटी को सौंपी गई थी। सीओ सिटी ने संबंधित थाना सरायलखंसी से जांच कराई तो उसमें श्री ¨सह के आरोप सही पाए गए थे। एक माह से सीओ कार्यालय में दबी पड़ी है रिपोर्ट

थाना सरायलखंसी ने बीते 16 दिसंबर को अपनी जांच आख्या सीओ सिटी को सौंप दी थी। थाने द्वारा जांच आख्या सीओ को सौंपे जाने के एक माह बाद भी जांच रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक को नहीं सौंपी गई। ऐसे में पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं आखिर उस रिपोर्ट में ऐसा क्या था कि पुलिस ने जांच आख्या को दबा दिया। परिजनों ने आरोप लगाया कि सिपाही को बचाने में महकमा पूरी तरह से जुटा हुआ है। इनसेट--

क्या है फर्जी भर्ती का प्रकरण

दिवंगत बालगो¨वद ¨सह ने पुलिस अधीक्षक को दिए पत्रक में बताया था कि बढुआगोदाम निवासी संजय यादव ने 2005 में हाईस्कूल की परीक्षा श्री बउरहवा बाब इंटर कालेज मटेहूं जनपद गाजीपुर से तथा 2007 में इंटर की परीक्षा शांति निकेतन इंटर कालेज बरही जनपद गाजीपुर से उत्तीर्ण किया था। इसमें उसके अंक पत्र पर रोल नंबर अंकित है। सरकारी नौकरी में गैर कानूनी ढंग से उम्र एवं मेरिट का लाभ लेने के लिए संजय यादव ने माता रेशमा देवी बालक-बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय बढुआगोदाम के प्रधानाचार्य एवं प्रबंधक को साजिश में लेकर अभिलेखों में हेराफेरी एवं कूटरचना करके फर्जी एवं कूटरचित अभिलेख-दस्तावेज तैयार करके 08 वर्ष बाद पुन: 2013 में उक्त विद्यालय से हाईस्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण किया। इन दोनों प्रमाण पत्रों में जन्मतिथि अलग-अलग अंकित है। इसी अभिलेखों के आधार पर संजय यादव 2015 में पुलिस भर्ती प्रकिया में सम्मिलित हुआ और आरक्षी के पद पर भर्ती होकर ट्रे¨नग कर रहा है। इनसेट--

परिजनों ने सीओ पर मढ़ा हत्या का आरोप

जनपद में बुधवार की अलसुबह हुई आरटीआइ कार्यकर्ता की जघन्य हत्या के बाद जिला अस्पताल में रोते-बिलखते, करुण क्रंदन करते परिजनों को देख हर किसी का दिल द्रवित था। इसी बीच सीओ सिटी आलोक कुमार जायसवाल जैसे ही पहुंचे कि परिजनों के आक्रोश का सीओ को सामना करना पड़ा। दिवंगत आरटीआई कार्यकर्ता की पत्नी शीला ¨सह ने चीख-चीखकर सीओ को ही अपने पति का हत्यारा बताया। आरोप लगाया कि बार-बार मिल रही धमकी की सूचना के बावजूद सीओ ने कोई कार्रवाई नहीं की। परिजनों का आक्रोश देखकर सीओ सिटी ने वहां से निकलने में ही अपनी भलाई समझी। इनसेट--

तीन दिन पहले ही मिली थी धमकी

आरटीआई कार्यकर्ता को तीन दिन पूर्व ही फोन करके बदमाशों ने सुलह करने के लिए एक मोटी रकम की डिमांड रखी थी। इस पर कार्यकर्ता द्वारा एक सिरे से नकार दिए जाने पर जान से मारने की धमकी दी गई थी। खुद समाजसेवी ने पुलिस अधीक्षक व सीओ सिटी को मामले से अवगत कराया था।

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