ओवरफ्लो होकर टूट गई नहर, सैंकड़ों बीघा फसल जलमग्न

जागरण संवाददाता कोपागंज (मऊ) शारदा सहायक खंड-32 की मुख्य नहर के रविवार की रात लैर

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 04:10 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 04:10 PM (IST)
ओवरफ्लो होकर टूट गई नहर, सैंकड़ों बीघा फसल जलमग्न
ओवरफ्लो होकर टूट गई नहर, सैंकड़ों बीघा फसल जलमग्न

जागरण संवाददाता, कोपागंज (मऊ) : शारदा सहायक खंड-32 की मुख्य नहर के रविवार की रात लैरो बेरूआर गांव में टूटने से सैकड़ों बीघा धान की फसल जलमग्न हो गई। ग्रामीणों की सूचना पर सोमवार की सुबह पहुंचे विभागीय कर्मचारी नहर बांधने की जद्दोजहद करते रहे। प्रतिवर्ष सिल्ट सफाई के नाम पर होने वाली खानापूर्ति का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।

एक सप्ताह पूर्व पास के ही कनियारीपुर में भी नहर टूटने से लगभग 500 बीघा धान की फसल जलमग्न हो गई थी। किसानों का कहना है कि मुख्य नहर में अचानक पानी ओवरफ्लो होने से दबाव बढ़ा तो वह टूट गई। सुबह किसानों को नहर टूटने की जानकारी हुई तो वे खेतों की ओर पहुंचे वहां खेतों में खड़ी फसल की हालत देख उनके होश उड़ गए। हालांकि नहर टूटने की सूचना किसानों ने तत्काल नहर विभाग के अधिकारियों को मोबाइल पर दी। इसके बाद तीन-चार बेलदार और आधा दर्जन मजदूर मौके पर पहुंच गए और टूटे नहर को बांधने में जुट गए। हालांकि तेज बहाव के चलते नहर को बांधने में मजदूरों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। बहाव रोकने के लिए कर्मचारी जद्दोजहद करते रहे। दूसरी तरफ किसानों का आरोप है कि शारदा सहायक खंड 32 की मुख्य नहर पूरी तरह जर्जर हो गई है। नहर झाड़-झंखाड़ से पटी है। किसान नेता रामनवल राही के अनुसार विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा अन्नदाताओं को भुगतना पड़ रहा है। अभी दस दिन पहले कनियारीपुर में नहर टूटने से धान की फसल डूब गई थी। आरोप लगाया कि विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते हर वर्ष धान की फसल डूबने की घटनाएं होती हैं।

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