टूटा रिकार्ड, 32652 एमटी गेहूं की खरीद
कोरोना संक्रमण के बीच अप्रैल व मई में किसान चिलचिलाती धूप में गेहूं ।
जागरण संवाददाता, मऊ : कोरोना संक्रमण के बीच अप्रैल व मई में किसान चिलचिलाती धूप में गेहूं की कटाई व मड़ाई में जुटे थे। किसानों की मेहनत का परिणाम रहा कि खूब अन्न पैदा हुआ और किसान 15 अप्रैल से शुरू गेहूं क्रय केंद्रों पर अपना गेहूं बेचना शुरू किया तो थमने का नाम नहीं लिया। हालात यह हुई कि 15 जून तक पिछले साल के गेहूं खरीद का रिकार्ड टूट गया और करीब 32652.474 एमटी खरीद हुई। पिछले साल की अपेक्षा करीब 7774.785 एमटी अधिक गेहूं खरीदा गया। पिछले वर्ष 4980 किसानों से मात्र 24877.689 एमटी गेहूं की खरीद की गई थी। इस साल 8442 किसानों ने अपना गेहूं बेचा जो पिछले वर्ष से 3462 अधिक किसान हैं। अंतिम दिन 49 क्रय केंद्रों पर कुल 1425.70 एमटी गेहूं की खरीद हुई। हालांकि शासन की तरफ से गेहूं खरीद की तिथि 22 जून तक बढ़ा दी गई है। इससे गेहूं खरीद का आंकड़ा काफी बढ़ जाएगा।
जनपद में कुल 49 क्रय केंद्रों पर 15 अप्रैल से गेहूं की खरीद शुरू की गई थी। तीन दिन बाद गेहूं खरीद का श्रीगणेश हुआ था लेकिन तमाम किसान गेहूं बेचने से वंचित रह गए। 15 जून निर्धारित तिथि भी समाप्त हो गई। अभी तमाम किसानों का गेहूं नहीं बिका है। इसे देखते हुए शासन की तरफ से इसकी तिथि बढ़ा दी गई है। खाद्य विभाग के 13 क्रय केंद्रों पर कुल 13836.75 एमटी, पीसीएएफ के 34 केंद्रों पर 17348.124 एमटी, भारतीय खाद्य निगम के एक केंद्र पर 1139.250 एमटी व गोठा मंडी पर कुल 328.250 एमटी गेहूं की खरीद की गई। इसमें 4933.65 लाख रुपये का भुगतान किसानों को किया जा चुका है जबकि 1515.22 लाख रुपये का भुगतान अभी किया जाना है।
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पिछले वर्ष की अपेक्षा रिकार्ड गेहूं की खरीदारी की गई है। तिथि बढ़ने से अवशेष बचे किसानों को भी मौका मिलेगा। ऐसे में गेहूं खरीद का ग्राफ और बढ़ जाएगा। यह जनपद के किसानों व आम जनता के लिए शुभ संकेत है।
--विपुल कुमार सिन्हा, डिप्टी आरएमओ