तबाही-दर-तबाही झेलता आ रहा बिदटोलिया गांव

जागरण संवाददाता मधुबन (मऊ) वैसे तो सरयू नदी का कहर मधुबन तहसील के देवारा में बसे खैरा

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 05:20 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 05:20 PM (IST)
तबाही-दर-तबाही झेलता आ रहा बिदटोलिया गांव
तबाही-दर-तबाही झेलता आ रहा बिदटोलिया गांव

जागरण संवाददाता, मधुबन (मऊ) : वैसे तो सरयू नदी का कहर मधुबन तहसील के देवारा में बसे खैरा देवारा, मनमन का पूरा, जरलहवा, पब्बर का पूरा, धूस जैसे दर्जनों गांव पिछले कई सालों से झेलते आ रहे हैं। मगर सरयू नदी का सबसे अधिक शिकार देवारा क्षेत्र का जो गांव रहा है वह है बिदटोलिया। वर्तमान में यह गांव सरयू नदी के सबसे अंतिम छोर पर स्थित है। हालांकि चार साल पहले तक यह सरयू नदी का सबसे अंतिम गांव नहीं था क्योंकि तब सरयू इस गांव से लगभग चार किलोमीटर दूर थी। आज नदी केवल इस गांव के मुहाने तक ही नहीं पहुंची बल्कि जिस प्रकार नदी गांव की भूमि को काट रही है उससे इस गांव का वजूद दिन-प्रतिदिन सिकुड़ता जा रहा है। पिछले चार से पांच सालों के बीच नदी की कटान का यह आलम रहा कि इस क्षेत्र में बसे पंचपड़वा, केवटिया, छोटी बिदटोलिया जैसे तीन पुरवे तो पूरी तरह नदी में विलीन हो गए। आज ये तीनों पुरवे तहसील के अभिलेख में तो हैं मगर धरती पर इनका कोई वजूद नहीं है।

यदि तहसील प्रशासन के आंकड़ों की ही बात की जाए तो पिछले साल ही सरयू नदी की कटान में इस गांव के लोगों की करीब 250 एकड़ से अधिक खेती योग्य भूमि एवं 34 मकान नदी की भेंट चढ़ गए थे। हालांकि यह तहसील प्रशासन का आंकड़ा है। गांव के लोग नुकसान इससे ज्यादा का मानते हैं। इस साल की कटान में अब तक 50 एकड़ से अधिक भूमि एवं एक दर्जन लोगों के मकान नदी में विलीन हो गए हैं।

सरयू नदी की कटान को रोकने के लिए स्थानीय लोगों द्वारा पिछले कई सालों से यहां अस्थायी ठोकर निर्माण की मांग होती आ रही है। इसके लिए गांव वालों ने कई बार धरना भी किया। यहां तक की सरयू नदी में नाव पर अनशन में भी बैठे, मगर प्रशासन द्वारा केवल आश्वासन दिया गया। वहीं स्थानीय तहसील प्रशासन एवं सिचाई विभाग कटान रोकने के लिए प्रयोग पर प्रयोग करता रहा। कभी बोल्डर तो कभी बालू की बोरी तो कभी बांस-बल्ली के सहारे कटान रोकने की कोशिश हुई। कई करोड़ रुपये खर्च हुए मगर कटान नहीं रुकी। इस साल भी बीच नदी में सेक्शन मशीन के सहारे नदी से बालू निकाल कर 10.5 करोड़ के प्रोजेक्ट के साथ नदी की धारा मोड़ने पर काम शुरू हुआ, मगर उसमें भी सफलता नहीं मिली और काम बीच में ही बंद हो गया।

रविवार की शाम बिदटोलिया गांव में कटान के चलते दो किशोरियों के डूबने की घटना के बाद सोमवार को मौके पर पहुंचे सिचाई विभाग के अवर अभियंता धनंजय यादव ने माना कि कटान रोकने के लिए विभाग द्वारा अब तक किए गए सभी प्रयास असफल रहे। उन्होंने कटान रोकने के लिए नए सिरे से प्रपोजल बनाकर लखनऊ भेजे जाने की बात कही।

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