हार्ट अटैक से पहले रेड साइन लक्षण होते हैं प्रतीत
जागरण संवाददाता मऊ रोटरी क्लब एवं सोसाइटी फार इमरजेंसी मेडिसिन इंडिया की तरफ से श
जागरण संवाददाता, मऊ : रोटरी क्लब एवं सोसाइटी फार इमरजेंसी मेडिसिन इंडिया की तरफ से शारदा नारायन हास्पिटल परिसर में सोमवार को सीपीआर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन रोटरी क्लब अध्यक्ष डा. संजय सिंह एवं डा. सुजीत सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया।
इस दौरान डा. संजय सिंह ने कहा कि हार्ट अटैक के पहले जीवन के लिए घातक रेड साइन (लक्षण) प्रकट होते हैं। यदि इसका आकलन कर लिया जाए तो 50 फीसद से अधिक लोगों को हृदय घात के कारण होने वाली मौत से बचाया जा सकता है। हार्ट या ब्रेन स्ट्रोक से जीवन बचाने के लिए केवल दो से पांच मिनट का समय होता है। इसमें बाडी रेड सिगनल देती है। सीपीआर (कार्डियक पल्मोनरी री-सक्सीटेशन) देकर रक्त संचार और शरीर में आक्सीजन की मात्रा बढ़ा कर खतरे को टाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि 50 से 60 फीसद लोगों में सही समय पर सही सीपीआर नहीं होता जिससे उनकी जान चली जाती है। एसएनएच इमरजेंसी एवं क्रिटिकल केयर विभाग हेड डा. सुजीत सिंह ने कहा कि कि सबसे पहले अचानक बेहोश होने वाले मरी•ा की स्थिति का आकलन करें। उसके बाद मरी•ा की पल्स देखे। इमरजेंसी मामलो में अन्य पल्स खत्म होने के कारण सिर्फ केरोटेड पल्स (गले पर) की देखी जा सकती है। केरोटेड पल्स न होने का मतलब है की हृदय ने काम करना बंद कर दिया है। ऐसी स्थिति में सीपीआर बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है।