सात हजार अपात्रों की निधि पर लगी रोक

मोदी सरकार के किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे लगभग सात हजार अपात्रो

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 05:29 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 05:29 PM (IST)
सात हजार अपात्रों की निधि पर लगी रोक
सात हजार अपात्रों की निधि पर लगी रोक

जागरण संवाददाता, मऊ : मोदी सरकार के किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे लगभग सात हजार अपात्रों पर कार्रवाई करते हुए निधि अंतरण पर रोक लगा दी गई है। शुरूआती दिनों में योजना में शामिल हो गए ऐसे लोग बाद की जांच में पकड़ में आए। वहीं सैकड़ों की संख्या में वास्तविक किसान भी हैं जो आए दिन तहसील से लगायत विभाग का चक्कर काट रहे हैं परंतु उसे योजना का लाभ अभी तक नहीं मिल पाया है। अभी तक जनपद के 2.74,662 किसानों को चार माह में दो हजार की किस्त दी जा रही है। एक बार कृषि विभाग अपात्र किसानों के विरुद्ध अभियान चलाकर जांच करेगा। इस दौरान किसान सम्मान निधि का लाभ ले रहे अपात्रों पर एफआइआर भी दर्ज कराई जाएगी।

केंद्र सरकार की तरफ से किसानों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू की गई। योजना के तहत प्रतिवर्ष किसानों के बैंक खाते में प्रतिवर्ष छह हजार रुपये भेजा जाता है। किसान पोर्टल पर पंजीकरण कराने वाले हजारों किसान ऐसे भी थे, जिनके आधार या बैंक खातों के रिकार्ड में त्रुटियां थीं। साथ ही अन्य तकनीकी गड़बड़ी से योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था। शासन की तरफ से किसानों की समस्याओं का निस्तारण कराने का फरमान जारी किया गया था। शासन के निर्देश पर विभाग की तरफ से कैंप चलाकर किसानों को जागरूक किया गया। किसानों ने कृषि विभाग तथा जनसेवा केंद्रों के माध्यम से आधार कार्ड, बैंक खातों में त्रुटियां सहित अन्य कमियों को दुरुस्त कराया।

पीएम किसान पोर्टल पर पंजीकरण शुरू

प्रधानमंत्री किसान पोर्टल पर पंजीकरण शुरू हो गया है, जो किसान पंजीकरण नहीं करा पाए हो वे नजदीकी जनसेवा केंद्र या स्वयं अपना पंजीकरण करा लें। ताकि उन्हें भी सरकारी योजना का लाभ मिल सके।

जो किसान अपात्र हैं वे अपना नाम कटवा लें। अन्यथा अपात्रों के विरुद्ध अभियान चलाकर जांच कराई जाएगी। इसमें ऐसे अपात्र जो योजना का लाभ लेते मिलेंगे उनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। जो पात्र किसान हैं जिन्हें सम्मान निधि नहीं मिल रही है वे तत्काल कृषि भंडार गृहों से संपर्क करें।

- एसपी श्रीवास्तव, उप निदेशक कृषि।

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