दोगुनी आय की वाहक बनेगी कृषि वानिकी
दो या दो से अधिक फसलें एक साथ। जी हां अब धान की खेती के साथ कृषि वानिकी दुग्ध उत्पादन मुर्गीपालन मत्स्य पालन कर किसान अपनी आय दोगुनी कर सकते हैं।
जागरण संवाददाता, मऊ : दो या दो से अधिक फसलें एक साथ। जी हां, अब धान की खेती के साथ कृषि वानिकी, दुग्ध उत्पादन, मुर्गीपालन, मत्स्य पालन कर किसान अपनी आय दोगुनी कर सकते हैं। इसके लिए किसानों को विधिवत जागरूक भी किया जा रहा है। जनपद की सभी न्याय पंचायतों में कृषि विभाग किसान पाठशाला आयोजित कर किसानों को सरकार की नीतियों से रू-ब-रू करा रही है। गांव-गांव में किसान पाठशाला के माध्यम से किसानों को खरीफ फसलों की उन्नत विधियां व बीजों की व्यवस्था विषय पर टिप्स दिए जा रहे हैं।
उप निदेशक कृषि एसपी श्रीवास्तव सलाह देते हैं कि किसान धान की फसल लगाने के साथ बागवानी, मत्स्य पालन, सब्जी की खेती आदि भी किसान करें। धान की लाइन से रोपाई करें, सीधी या जीरो ट्रिल, सीड ड्रिल से बोआई करें, ड्रम सीडर से धान की रोपाई तथा पैडी ट्रांसप्लांटर द्वारा भी धान की सीधी बोआई की जा सकती है। इसके लिए धान की मुख्य प्रमाणित विधियों का ही इस्तेमाल करें। इसमें किसान कम अवधि वाली प्रजातियों का ही प्रयोग करें। धान की रोपाई के साथ-साथ मक्का, ज्वार, बाजरा, अरहर, मूंग एवं उर्द, तिल व मूंगफली की भी बोआई कर दोगुनी आय ली जा सकती है। किसानों को अपनी आय दोगुनी करने में कृषि विविधीकरण भी काफी लाभदायक सिद्ध हो सकता है। इसके लिए किसानों को खरीफ में सब्जी एवं औद्यानीकरण के तहत आम, अमरुद, केला, हल्दी आदि किसान लगा सकते हैं।