लाखों गबन के आरोपित सचिव पर प्रशासन है मेहरबान
जागरण संवाददाता घोसी (मऊ) प्रशासन ने ग्राम पंचायत एवं ग्राम विकास अधिकारियों के विरुद्ध नियम
जागरण संवाददाता, घोसी (मऊ) : प्रशासन ने ग्राम पंचायत एवं ग्राम विकास अधिकारियों के विरुद्ध नियम को ताक पर रखकर गबन के उद्देश्य से धनराशि आहरित करने के आरोप में धड़ाधड़ निलंबन एवं सेवा समाप्त करने का आदेश देकर कड़े रुख का परिचय दे रहा है। दूसरी तरफ दो ब्लाकों में लगभग साढे़ चार वर्ष पूर्व लगभग 50 लाख की राशि का गबन करने के आरोपित ग्राम विकास अधिकारी को प्रशासन ने अनंतिम रूप से बहाल कर एक ब्लाक में नियुक्त भी कर दिया।
बिना टेंडर एवं मस्टर रोल सहित अन्य अनियमितता बरतते हुए लाखों की धनराशि का आहरण करने के आरोप में अब तक जिले के एक कर्मचारी की सेवा समाप्त कर दी गई है जबकि दो को निलंबित कर दिया गया है। जिस कर्मचारी के विरुद्ध गबन के घोसी कोतवाली में दो-दो मुकदमें दर्ज हुए उसे सिर्फ निलंबित करना और पुलिस के हत्थे अभी तक न चढ़ना प्रशासन और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल है। वर्ष 2016 में ही इस ग्राम विकास अधिकारी पर वित्तीय गबन के आरोप लगे पर मामला दबा रहा। हालांकि गबन कर चर्चा होते ही वह फरार हो गया। मार्च 2016 में तत्कालीन जिलाधिकारी ने स्वच्छता कार्यक्रम की प्रगति का जायजा लेने के दौरान स्थानीय क्षेत्र पंचायत की पवनी सहित अन्य गांवों में शौचालय के लिए अवमुक्त लगभग 50 लाख की राशि आहरित कर ग्राम विकास अधिकारी के फरार होने के मामले को गंभीरता से लिया। उनके निर्देश पर कर्मचारी के विरुद्ध एडीओ पंचायत ने 31 मार्च 2017 को मुकदमा दर्ज कराया। कर्मचारी पर 04 जनवरी 2016 से 16 जून 2016 के बीच ग्राम पंचायत कलाफनपुर के खाते से 630630 रुपये, बेला सुल्तानपुर के खाते से 21 मार्च 16 से 08 जून 16 के बीच 874538 रुपये और जमालपुर मिर्जापुर के खाते से 15 जनवरी 16 से 20 जून 16 के बीच 1223638 रुपये आहरित किए जाने का आरोप था। उधर बड़रांव ब्लाक की ग्राम पंचायत सरायसादी में भी वित्तीय वर्ष 2015-16 में नियुक्ति के दौरान उसने 50 शौचालयों के लिए प्राप्त धनराशि आहरित कर लिया। इस मामले में एडीओ पंचायत अखिलेश मल्ल ने उसके एवं ग्राम प्रधान के विरुद्ध जनवरी 2019 में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस उसे गिरफ्तार तो न कर सकी अलबत्ता अनंतिम रूप से उसका निलंबन समाप्त कर रानीपुर में तैनात कर दिया गया।