बैकफूट पर आया प्रशासन, डीडीओ को मिला मनरेगा का चार्ज

शासनादेश के विपरित डीसी मनरेगा का चार्ज एसडीएम को सौंपे जाने के मा

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 06:23 PM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 06:23 PM (IST)
बैकफूट पर आया प्रशासन, डीडीओ को मिला मनरेगा का चार्ज
बैकफूट पर आया प्रशासन, डीडीओ को मिला मनरेगा का चार्ज

जागरण संवाददाता, मऊ : शासनादेश के विपरित डीसी मनरेगा का चार्ज एसडीएम को सौंपे जाने के मामले में जिला प्रशासन बैकफुट पर आ गया है। शासन से जिलाधिकारी को जवाब-तलब किए जाने के बाद जिलाधिकारी के आदेश पर गुरुवार को मुख्य विकास अधिकारी ने जिला विकास अधिकारी को डीसी मनरेगा का चार्ज सौंप दिया। इस मुद्दे को दैनिक जागरण ने तीन जून को 'एसडीएम को मनरेगा का चार्ज देने में डीएम से जवाब-तलब' नामक शीर्षक से प्रमुखता से उठाया था।

सदर व घोसी तहसील के एसडीएम रहे आशुतोष राय के पास अतिरिक्त एसडीएम का भी चार्ज है। इसी बीच 31 मई को विकास भवन में डीसी मनरेगा उग्रसेन सिंह यादव सेवानिवृत्त हो गए। पद खाली होता देख जिलाधिकारी ने 27 मई को एसडीएम श्री राय को डीसी मनरेगा का अतिरिक्त प्रभार सौंपे जाने का आदेश जारी किया था। डीएम के आदेश पर सीडीओ रामसिंह वर्मा ने डीसी मनरेगा का चार्ज एसडीएम आशुतोष राय को दिए जाने का आदेश भी कर दिया था। प्रशासन के इस आदेश को लेकर ग्राम्य विकास विभाग में रोष छा गया था। संगठन के लोगों ने इसकी शिकायत शासन से की थी। इस पर 31 मई को तत्कालीन आयुक्त ग्राम्य विकास के रविद्र नायक ने जिलाधिकारी को पत्र लिखा था। आयुक्त ग्राम विकास ने इस आदेश को शासनादेश के विपरित माना था। उन्होंने गैर विभागीय अधिकारी को चार्ज दिए जाने को नियम नहीं संगत माना। उन्होंने डीसी मनरेगा का चार्ज एसडीएम आशुतोष राय से हटाते हुए जिला विकास अधिकारी या परियोजना निदेशक में से किसी एक तो देने का आदेश दिया। इसको लेकर जिलाधिकारी ने 16 जून को एसडीएम से चार्ज हटाने का फिर आदेश जारी किया। इस पर मुख्य विकास अधिकारी ने जिला विकास अधिकारी को डीसी मनरेगा का चार्ज सौंपा है।

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