प्राकृतिक आपदाओं को लेकर प्रशासन अलर्ट

चुनाव के साथ ही मौसम को देखते हुए प्रशासन आसन्न प्राकृतिक आपदाओं के प्रति भी अलर्ट है। आने वाले दिनों में सूखा लू बाढ़ चक्रवात आदि आपदाओं की प्रबल संभावनाएं बनी हुई हैं। इनसे निपटने के लिए संबंधित विभागों की तैयारी की समीक्षा के लिए जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी की अध्यक्षता में गुरुवार को मातहत विभागीय अधिकारियों की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में हुई। इसमें सभी विभागों के समन्वय से प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की रणनीति तय की गई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 18 Apr 2019 06:44 PM (IST) Updated:Thu, 18 Apr 2019 09:14 PM (IST)
प्राकृतिक आपदाओं को लेकर प्रशासन अलर्ट
प्राकृतिक आपदाओं को लेकर प्रशासन अलर्ट

जागरण संवाददाता, मऊ : चुनाव के साथ ही मौसम को देखते हुए प्रशासन आसन्न प्राकृतिक आपदाओं के प्रति भी अलर्ट है। आने वाले दिनों में सूखा, लू, बाढ़, चक्रवात आदि आपदाओं की प्रबल संभावनाएं बनी हुई हैं। इनसे निपटने के लिए संबंधित विभागों की तैयारी की समीक्षा के लिए जिलाधिकारी ज्ञानप्रकाश त्रिपाठी की अध्यक्षता में गुरुवार को मातहत विभागीय अधिकारियों की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में हुई। इसमें सभी विभागों के समन्वय से प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की रणनीति तय की गई।

जिलाधिकारी ने समय से पहले समस्त ग्राम पंचायतों को चिह्नित कर बाढ़ से संबंधित सभी तैयारियां कर लेने के निर्देश अधिशासी अभियंता सिचाई खंड को दिया। भीषण गर्मी को ध्यान में रखते हुए जल निगम विभाग को निर्देश दिए गए कि गर्मी अपने चरम सीमा पर है इसकी समुचित व्यवस्था कर लें। गर्मी में सबसे अधिक पानी की समस्या होती है। मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया गया कि गर्मी के मौसम में अधिक संख्या में लोग बीमार पड़ते हैं। इसलिए चिकित्सालय में दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करा लें। मरीजों को किसी भी दशा में बाहर की दवा न लिखे जाने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने बताया कि गर्मी के समय बिजली के तार ढ़ीले होने के कारण तार आपस में शार्ट करते हैं। इसके कारण आग लग जाती है। ढ़ीले तारों को जल्द से जल्द ठीक कराने के निर्देश अधिशासी अभियंता विद्युत को दिए। जिलाधिकारी ने समस्त उप जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि जनपद में पालीथिन पर अंकुश लगाएं तथा नदी में किसी भी दशा में पालीथिन न डालने दें। मनरेगा के अंतर्गत जाबकार्ड धारकों से सभी ग्राम पंचायतों में तालाब एवं पानी रूकाव के प्रबंध कराने के निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि अपने तहसील स्तर से समस्त ग्राम पंचायतों के चारागाह की भूमि पर अतिक्रमण किया गया हो तो उसे तत्काल मनरेगा के जाबकार्ड धारकों द्वारा खाली करा लें तथा अपने तहसील स्तर से लोगों से अपील करें कि गर्मी के मौसम में प्याज, पोदिना, मठ्ठा एवं हरी सब्जियों का सेवन अधिक मात्रा में करें। क्योंकि गर्मी के मौसम में अनेकों प्रकार की बीमारियां उत्पन्न होती हैं। इसलिए अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देने और अपने तथा अपने परिवार को स्वस्थ्य रखने की अपील करें।

बैठक में अपर जिलाधिकारी डीपी पाल, मुख्य राजस्व अधिकारी हंसराज यादव, अपर पुलिस अधीक्षक, परियोजना निदेशक, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सतीश सिंह, जिला विकास अधिकारी विजय शंकर राय, उप कृषि निदेशक एसपी श्रीवास्तव, जिला कृषि अधिकारी उमेश कुमार, जिला पंचायत राज अधिकारी एसपी सिंह, जिला पूर्ति अधिकारी नरेंद्र त्रिपाठी, जिला विद्यालय निरीक्षक कालीचरन भारती, समस्त उप जिलाधिकारी, अधिशासी अभियंता विद्युत सुबोध कुमार सहित जिला स्तरीय फ्लड स्टीयरिग ग्रुप के सदस्य उपस्थित थे। इनसेट--

घाघरा नदी से 33 ग्राम सभाएं प्रभावित--

चक्की मूसाडोही, मूसाडोही, परसिया जयरामगिरि, चौहानपुर, दुबारी, धर्मपुर बखरिया, कचिलानायनपुर, नूरूल्लाहपुर, जमीन सारंगपुर, रामपुर मलकौली, सिकरीकोल, सूरजपुर, मित्तनपुर, सरफोरा, रोशनपुर, डुहिया डिलिया, किशुनपुर उर्फ सुग्गीचौरी, इमिलियाडीह, कमना, बरोहा, मोलनापुर, सहरिया उर्फ सेमरा, आराजी देवारा, नवली, चिउटीडाड़, धनौलीरामपुर, लोहड़ा, मेराराम, बहादुरपुर, पतनई बुजुर्ग, भैसा खरग, कादीपुर, अवराडांड़। टौंस नदी से 34 ग्राम सभाएं प्रभावित

इसमें पारा, भदेसरा, मेघई मुतलके, रेवरीडीह, बख्तावरगंज, सनेगपुर, भूटवरा, सरायलखंसी, खालसा कानुनगोयान, भीटी, मुसरदह, राघव पट्टी, दानियालपुर, अलीनगर, मुतलके अनीनगर, महराजपुर मुतलके, जयसिंहपुर, हथिनी, जगदीशपुर, गरथौली, चोपराखुर्द, खराटी, बरईपुर, प्रधानपुर, अठगोड़ा, सरयां, कंसारी, जमलापुर, अमरहट, साकिमपुर, जहनियापुर, बैरालपुर, बैसापुर बैरकपुर बाढ़ से प्रभावित होती हैं।

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