तराई क्षेत्रों में घूसा घाघरा का पानी, बढ़ा खतरा

दोहरीघाट (मऊ) पिछले कई दिनों से लाल निशान छूने को बेताब घाघरा नदी का जलस्तर अब खतरा बिदु से ऊपर चला गया है। घाघरा अब कहर ढाने को आतुर है। निचले इलाकों में घाघरा का पानी घुस गया है। इसकी वजह से किसानों की सैकड़ों एकड़ भूमि जलमग्न हो गई है। इसे लेकर देवारावासियों में हड़कंप की स्थिति व्याप्त है। वह उचित ठिकानों की तलाश में जु ट गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 04:36 PM (IST) Updated:Sun, 12 Jul 2020 04:36 PM (IST)
तराई क्षेत्रों में घूसा घाघरा का पानी, बढ़ा खतरा
तराई क्षेत्रों में घूसा घाघरा का पानी, बढ़ा खतरा

जागरण संवाददाता, दोहरीघाट (मऊ) : पिछले कई दिनों से लाल निशान छूने को बेताब घाघरा नदी का जलस्तर अब खतरा बिदु से ऊपर चला गया है। घाघरा अब कहर बरपाने को आतुर है। निचले इलाकों में घाघरा का पानी घुस गया है। इसकी वजह से किसानों की सैकड़ों एकड़ भूमि जलमग्न हो गई है। इसे लेकर देवारा वासियों में दहशत का माहौल व्याप्त है। वह उचित ठिकानों की तलाश में जुट गए हैं।

गौरी शंकर घाट पर घाघरा का जल स्तर 69.95 मीटर है। औराडाड में घाघरा का जलस्तर 70 मीटर पर पहुंच चुका है। यह खतरा बिदु से 60 सेंटीमीटर ऊपर है। गौरी शंकर घाट पर खतरा बिदु से पांच सेमी ऊपर घाघरा बह रही है। नदी के बढ़ते उफान को लेकर घाघरा के निचले इलाके के सैकड़ों एकड़ भूमि व फसल जलमग्न हो चुकी है। लोगों के समक्ष चारे की समस्या बढ़ गई है। इसे लेकर पशुपालक परेशान है। घाघरा मुक्तिधाम पर दबाव बना रही है। डीह स्थान के समीप सिचाई विभाग द्वारा हुए कार्य के ऊपर से घाघरा तेजी से बढ़ रही है। घाघरा के निचले इलाके के किसानों में असमंजस की स्थिति है। उनकी गाढ़ी कमाई घाघरा में विलीन होती जा रही है। फसलों के ऊपर तीन से पांच फुट ऊंचा पानी लग गया है। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के घरों के इधर-उधर पानी लग रहा है। अब लोग बाढ़ के प्रलंयकारी विभीषिका को देखते हुए उचित ठिकानों को तलाशने लगे हैं। बंधों पर शरण लेने के लिए लोग अपना अस्थाई आशियाना बनाना शुरू कर दिए हैं। इसके साथ ही कटान का खतरा भी बढ़ रहा है।

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