5580 किसान हो चुके सत्यापित, 2637 को टोकन जारी
किसान देश के अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहे जाते हैं। जनपद की धरती अन्नदात
जागरण संवाददाता, मऊ : किसान देश के अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहे जाते हैं। जनपद की धरती अन्नदाताओं से उर्वर हो रही है। इसका सच गेहूं की खेती करने में साफ झलक रहा है। जनपद के 696 किसान 100 क्विटल से अधिक के अन्नदाता हैं। यह सच्चाई जनपद के चारों तहसीलों पर एसडीएम व डिप्टी आरएमओ के यहां सत्यापन के दिए गए आंकड़े उजागर कर रहे हैं। एसडीएम के यहां अब तक 436 किसान व डिप्टी आरएमओ के यहां 260 किसान 100 क्विंटल से अधिक गेहूं बेचने के लिए आवेदन कर चुके हैं। अभी यह आंकड़ा एक अप्रैल से लेकर 20 अप्रैल तक किए गए रजिस्ट्रेशन के बाद का है। इसके बाद भी अभी 100 क्विटल से अधिक किसानों के क्रय केंद्रों पर आने की संभावना है। यानी जनपद में छोटे काश्तकार के कम किसान हैं जबकि बड़े काश्तारों की फेहरिश्त हैं। यही वजह है कि हमारी जनपद के अन्नदाता बड़ी मेहनत से फसल उगा रहे हैं। विभाग की मानें तो 2764 किसानों का खतौनी से नाम मिसमैच हैं। इसमें घोसी में 704, मधुबन में 558, मऊ नाथ भंजन में 522 और मुहम्मदाबाद गोहना में 980 किसान शामिल हैं।
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कुल पंजीकृत किसान : 8892
घोसी में पंजीकृत किसान : 2427
मधुबन में पंजीकृत किसान : 1479
मऊ नाथ भंजन में : 3296
मुहम्मदाबाद गोहना में : 1660 --------------------
एसडीएम के यहां सत्यान
लंबित वाले बड़े किसान
घोसी में 111, मधुबन में 77, मऊ नाथ भंजन में 103 व मुहम्मदाबाद गोहना में 145 हैं। जिला खाद्य अधिकारी के यहां घोसी से 65, मधुबन से 90, मऊ नाथ भंजन से 67 व मुहम्मदाबाद गोहना से 38 सत्यापन लंबित हैं।
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जनपद में सबसे अधिक किसान मधुबन, रतनपुरा व घोसी क्षेत्र में है। यहां के बड़े-बड़े किसानों का सर्वे किया जा रहा है। सर्वे के बाद इन्हें टोकन जारी कर खरीद के लिए कहा जा रहा है। हर किसान की खरीद की जाएगी। गेहूं की उपज अच्छी हुई है। इससे किसानों की बाछें खिली हैं।
--विपुल सिन्हा, डिप्टी आरएमओ