63 नामजद, दो दर्जन अज्ञात पर मुकदमा
जागरण संवाददाता, मऊ : नो इंट्री तोड़कर डीसीएम चालक के भीड़ भरे इलाके में घुस जाने के ब
जागरण संवाददाता, मऊ : नो इंट्री तोड़कर डीसीएम चालक के भीड़ भरे इलाके में घुस जाने के बाद किसी को टक्कर लग जाने से आक्रोशित भीड़ द्वारा किए गए जमकर उपद्रव के मामले में पुलिस ने 63 लोगों को नामजद करते हुए दो दर्जन अन्य अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है। देर रात को हुई घटना के बाबत अति संवेदनशील शहर में खबर फैलते ही लोग-बाग किसी अनहोनी की आशंका से सिहर उठे। बहरहाल संस्कृत पाठशाला से लगायत औरंगाबाद और मिर्जाहादीपुरा तक बुधवार को भी काफी संख्या में फोर्स तैनात रही, मामले को लेकर आमजन में चर्चा व सुगबुगाहट का दौर जारी रहा। अब लोगों की निगाहें पुलिस द्वारा की जाने वाली कार्रवाई पर टिकी हैं।
भीड़ की पिटाई से घायल डीसीएम चालक राजेश कुमार पुत्र सुंदर लाल निवासी ग्राम घुमावन, जनपद रायबरेली की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। रात में ही चिकित्सकों ने उसके प्राथमिक इलाज के बाद उसे बीएचयू के लिए रेफर कर दिया था। वहां उसका इलाज चल रहा है। मंगलवार की देर रात लगभग पौने दस बजे राजेश खाली डीसीएम लेकर नो इंट्री तोड़ते हुए मिर्जाहादीपुरा के रास्ते शहर के भीड़ भरे इलाके में प्रवेश कर गया। बताते हैं कि डीसीएम से औरंगाबाद में किसी बाइक चालक को टक्कर लग गई। इसके बाद सैकड़ों की भीड़ ने उसे ललकारते हुए दौड़ा लिया। भीड़ का रुख देख चालक वाहन लेकर भागा और संस्कृत पाठशाला चौकी के सामने पुलिस की मदद पाने की आशा में उसे रोक दिया। इसके बाद तो उग्र भीड़ ने पुलिस के सामने ही वाहन पर जबर्दस्त पथराव कर उसे बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। भीड़ ने वाहन चालक को अपने कब्जे में लेकर उसे लात-घूंसों से बुरी तरह मारा-पीटा, वह अधमरा हो गया। किसी तरह कुछ लोगों ने उसे बचाकर अस्पताल भेजवाया। भीड़ का आक्रोश देखकर पुलिस चौकी के सिपाही बेबस थे। इस घटना की खबर मिलते ही हजारों की भीड़ वहां सड़क पर जमा हो गई। पुलिस की भूमिका पर उठ रहे सवाल
शहर के भीतरी इलाके में अमूमन सामान्य दिनों रात के नौ बजे तक बड़े वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहता है। जबकि नो इंट्री का यह समय बढ़ाकर रमजान के महीने में सुबह 7 बजे से रात के 11 बजे तक कर दिया जाता है। मुस्लिम बहुल इलाका होने के कारण रमजान के महीने में तरावीह पढ़ने के बाद रात में स्त्री-पुरुषों की भारी भीड़ बाजार में खरीदारी के लिए निकलती है। ऐसे में नो इंट्री के लागू रहते तथा मिर्जाहादीपुरा चौक पर पुलिस पिकेट के रहते डीसीएम वाहन का अंदर घुस जाना पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा करता है कि आखिर उस समय पुलिस कर क्या रही थी, जब वाहन अंदर घुसा तो।