200 मृत पेंशनरों के स्वजन ने लाखों रुपये निकाला

जागरण संवाददाता मऊ जनपद में लगभग 200 मृत पेंशनरों के स्वजन ने लाखों रुपये पेंशन की धनराश्ि

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 03:58 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 03:58 PM (IST)
200 मृत पेंशनरों के स्वजन ने लाखों रुपये निकाला
200 मृत पेंशनरों के स्वजन ने लाखों रुपये निकाला

जागरण संवाददाता, मऊ : जनपद में लगभग 200 मृत पेंशनरों के स्वजन ने लाखों रुपये पेंशन की धनराशि निकाल ली और कोषागार को सूचना तक नहीं दी। इसकी वजह से कोषागार के लाखों रुपये के राजस्व की हानि हो रही है। इसे गंभीरता से लेते हुए मुख्य कोषाधिकारी ने संबंधित क्षेत्र तहसीलदारों को जांच करने का निर्देश दिया है। जांच में दोषी मिलने पर संबंधित लोगों के विरुद्ध विधिक कार्रवाई तो की ही जाएगी साथ ही उनके विरुद्ध एफआइआर भी दर्ज कराई जाएगी।

जनपद में करीब 11000 पेंशनर हैं। हर साल कुछ न कुछ पेंशनर की मौत हो जाती है। कुछ के स्वजन तो मौत की सूचना दे देते हैं। इसके बाद उनकी पेंशन बंद कर दी जाती है। तमाम ऐसे लोग हैं जो जीवित प्रमाण देने के बाद मौत होने पर इसकी सूचना ही नहीं देते हैं। इसके बाद पेंशन की धनराशि निकाल कर दुरुपयोग करते हैं। इस वित्तीय वर्ष में जनपद में इस तरह के ऐसे करीब 200 पेंशनधारी के स्वजन हैं जिन्होने पेंशनर की मौत के बाद कोई सूचना नहीं दी। इसकी वजह से करीब 40 लाख से अधिक रुपये के राजस्व की हानि हो रही है।

ढाई करोड़ से अधिक की कराई जा चुकी है रिकवरी

पिछले दो वर्षों से मृत पेंशनरों के खाते से धनराशि निकालने का मामला बढ़ रहा है। अब तक करीब ढाई करोड़ से अधिक की वसूली की जा चुकी है। वर्ष 2020 में भी करीब डेढ़ करोड़ की रिकवरी की गई थी। 2021 में भी अब तक करीब 1.20 करोड़ की रिकवरी की जा चुकी है। तहसीलदारों की जांच के बाद वसूली और ज्यादा होने की संभावना है।

कोषागार का करें सहयोग

किसी भी कीमत पर राजकोष की धनराशि का दुरुपयोग न किया जाए। किसी के घर पेंशनर की मौत होती है तो इसकी सूचना निर्धारित समय से दे दी जाए। ताकि उनकी पेंशन बंद कर दी जाए। इससे कोषागार को परेशानी नहीं होगी और पेंशनर की मौत के बाद उनका खाता बंद कर दिया जाता है।

पेंशनर की मौत के बाद जिन स्वजन ने धनराशि ली है उसकी वसूली की जाएगी। अगर स्वजन धनराशि जमा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी।

-मनीष कुमार कुशवाहा, मुख्य कोषाधिकारी मऊ।

chat bot
आपका साथी