घोसी लोकसभा में तेरहवीं बार फिर भूमिहार

घोसी लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं की प्राथमिकता कहें या सबसे बड़ी पसंद लेकिन सच यही है कि घोसी की जनता ने लोकसभा में अपना नेता भेजने के लिए किसी जाति विशेष को सबसे ज्यादा महत्व और मौका दिया है तो वे हैं भूमिहार ब्राह्मण। घोसी से बहुजन समाज पार्टी के विजयी उम्मीदवार अतुल कुमार सिंह राय भूमिहार वंश के 12वें नेता हैं जिन्हें घोसी की आवाम ने अपनी पहली पसंद और सांसद चुनकर दिल्ली भेजा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 May 2019 07:03 PM (IST) Updated:Thu, 23 May 2019 07:03 PM (IST)
घोसी लोकसभा में तेरहवीं बार फिर भूमिहार
घोसी लोकसभा में तेरहवीं बार फिर भूमिहार

सूर्यकांत त्रिपाठी, मऊ :

घोसी लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं की प्राथमिकता कहें या सबसे बड़ी पसंद, लेकिन सच यही है कि घोसी की जनता ने लोकसभा में अपना नेता भेजने के लिए किसी जाति विशेष को सबसे ज्यादा महत्व और मौका दिया है तो वे हैं भूमिहार ब्राह्मण। इस सीट से 17वीं लोकसभा के चुनाव में 13वीं बार अतुल कुमार सिंह राय जीतकर संसद की देहरी पार करेंगे। भूमिहारों के अलावा सिर्फ चार बार अन्य जातियों को मौका मिला है। इस जाति के कल्पनाथ राय तो सर्वाधिक चार बार यहां से सांसद चुने गए।

आजाद भारत में पहली बार जब वर्ष 1952 में लोकसभा चुनाव हुआ तो इस क्षेत्र की जनता ने कांग्रेस प्रत्याशी अलगू राय शास्त्री को अपना नेता चुनकर दिल्ली की संसद में भेजा।1962 और 1967 में जयबहादुर सिंह सीपीआइ से लगातार सांसद रहे। जयबहादुर सिंह के आकस्मिक निधन पर 1968 में हुए उपचुनाव एवं 1971 में लोकसभा के आम चुनाव में सीपीआइ के झारखंडे राय को सांसद बनने का मौका मिला। 1977 में बीएलडी के शिवराम राय को मौका मिला तो 1980 में सीपीआइ से चुनकर फिर झारखंडे राय संसद में पहुंचे। वर्ष 1984 में कांग्रेस के राजकुमार राय संसद में जाकर घोसी की आवाज को बुलंद की। 1989 में कांग्रेस के कल्पनाथ राय पहली बार घोसी लोकसभा क्षेत्र के सांसद बने तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखे। कल्पनाथ राय 1989, 1991, 1996 और 1998 के चुनाव में लगातार चार बार सांसद का चुनाव जीतकर जीत का ऐतिहासिक रिकार्ड बना दिया। इन्होंने अपने काम के बलबूते पूर्वी उत्तर प्रदेश की राजनीति में विकास पुरुष के रूप में अपनी पहचान बना ली। अब तेरहवीं बार एक बार फिर से भूमिहार जाति के सपा-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार अतुल कुमार सिंह राय को सांसद चुनकर घोसी की आवाम ने अपना विश्वास जताया है। स्व.कल्पनाथ राय के बाद घोसी की जनता ने भूमिहार वंश के किसी युवा नेता पर भरोसा जताया है तो वे अतुल कुमार सिंह राय हैं, जिन्हें जनता कल्पनाथ राय के ही नक्शे कदम पर चलते हुए देखना भी चाहेगी। इस जाति के अलावा दूसरी लोकसभा में जाने वाले बाबू उमराव सिंह राजपूत थे तो कल्पनाथ राय के निधन के बाद लोनिया जाति के दो लोग बालकृष्ण चौहान और दारा सिंह चौहान तो राजभर जाति के चंद्रदेव राजभर व हरिनारायण राजभर संसद में जाने गैर भूमिहार सांसद रहे।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप

chat bot
आपका साथी