1038 कोटेदारों का निश्शुल्क खाद्यान्न का दो करोड़ है बकाया

प्रधानमंत्री अन्न योजना के तहत पिछले वर्ष वितरित हो चुके खाद्यान्न के बाद।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 06:27 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 09:39 PM (IST)
1038 कोटेदारों का निश्शुल्क खाद्यान्न का दो करोड़ है बकाया
1038 कोटेदारों का निश्शुल्क खाद्यान्न का दो करोड़ है बकाया

जागरण संवाददाता, मऊ : प्रधानमंत्री अन्न योजना के तहत पिछले वर्ष वितरित हो चुके खाद्यान्न के बाद जनपद के 1038 कोटेदारों का करीब दो करोड़ से अधिक रुपये अब तक जमा नहीं किया गया। अब एक बार फिर सरकार ने छह माह तक के लिए निश्शुल्क खाद्यान्न वितरण करने का निर्देश जारी कर दिया है। ऐसे में कोटेदारों का संकट बढ़ता जा रहा है। अभी उनका लाखों रुपये चालान का फंसा हुआ है। फिर निश्शुल्क ही भुगतान करना है। उनकी मजबूरी है कि वह निश्शुल्क खाद्यान्न का उठान नहीं कर पाएंगे। ऐसे में प्रशासन तत्काल उन्हें पूर्व की धनराशि उपलब्ध करा दें।

पिछले वर्ष कोरोना की पहली लहर में लगाए गए लाकडाउन से पूरा देश हिल गया था। लाकडाउन के दौरान लोगों को रोटी प्रदान करने के लिए सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री अन्न योजना के तहत अप्रैल, मई और जून तक निश्शुल्क खाद्यान्न प्रदान किया गया था। खाद्यान्न उठाने के पूर्व कोटेदारों द्वारा खाद्यान्न की धनराशि चालान के रूप में अग्रिम जमा करनी होती है। जनपद में करीब 1038 कोटेदार है। इन लोगों ने अग्रिम जमानत राशि जमा करके खाद्यान्न उठाया था। इसमें अप्रैल माह की धनराशि कोटेदारों के खाते में पहुंच गई है लेकिन अभी तक मई व जून माह की धनराशि कोटेदारों के खाते में नहीं पहुंची है। एक विकास खंड में करीब 20 लाख से अधिक रुपये कोटेदारों का जमा कराया जाता है। ऐसे में नौ ब्लाक में दो करोड़ रुपये जमा कराया जा चुका है। अब फिर खाद्यान्न निश्शुल्क बांटना है। इसके लिए भी कोटेदारों को अग्रिम धनराशि जमा करनी है। अब पैसा डंप रहने की वजह से उनके समक्ष संकट उत्पन्न हो गया है। वह उठान करने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैँ। दूसरी तरफ भुगतान में पेंच फंसाकर अधिकारी इधर-उधर फाइल दौड़ा रहे हैं। विभाग की मानें तो 74 जनपदों की धनराशि कोटेदारों के खाते में पहुंच गई है लेकिन केवल मऊ जनपद का यह हाल है। इसे लेकर कोटेदार संघ आक्रोशित है।

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निश्शुल्क खाद्यान्न की पूरी बारीकी से पड़ताल की जाएगी। रजिस्टर मंगवाकर जांच करने के बाद ही भुगतान किया जाएगा। इसमें किसी भी प्रकार की अनियमितता मिलती है तो संबंधित कोटेदार के विरुद्ध कार्रवाई भी की जाएगी।

-अमित सिंह बंसल, जिलाधिकारी मऊ।

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