मंडी में बढ़े मजदूर, कम हुई मजदूरी

काम की उम्मीद में आ रहे शहर मायूस होकर लौट रहे घर

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 05:30 AM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 05:30 AM (IST)
मंडी में बढ़े मजदूर, कम हुई मजदूरी
मंडी में बढ़े मजदूर, कम हुई मजदूरी

जागरण संवाददाता, मथुरा: कृष्णा नगर, होलीगेट और धौलीप्याऊ क्षेत्र में लगने वाली मजदूर मंडी में मजदूरों की संख्या दोगुना से अधिक बढ़ गई है और मजदूरी कम हो गई है। काम धंधा मिलने की बड़ी उम्मीद के साथ मजदूर मंडी में आ रहे हैं और खाली हाथ लौट रहे हैं।

कोरोना क‌र्फ्यू में सुबह 7 से 11 बजे तक बाजार में आवश्यक सेवाओं की दुकानें ही खुल रही है। अन्य प्रतिष्ठान बंद हैं। इसलिए इन पर काम करने वाले लोग बेरोजगार हो गए हैं। काम धंधे की तलाश में उनका रुख मजदूर मंडी की तरफ हो गया है। कृष्णा नगर, होलीगेट और धौलीप्याऊ की मंडी में मजदूरों की संख्या में कोरोना क‌र्फ्यू काल में बढ़ गई है। खंदौली (खेड़िया) के रहने वाले राजेंद्र सिंह ने बताया, वह लक्ष्मी नगर में किराए पर कमरा लेकर रह हैं और शहर में मजदूरी करते हैं। पहले होलीगेट पर लगने वाली मंडी में 200-250 मजदूर आते थे, लेकिन इनकी संख्या बढ़कर अब 400-450 तक पहुंच गई है। नए मजदूर अधिक आ रहे हैं। इनमें से 30-35 मजदूरों को ही मजदूरी मिल पर रही है। शिवनगर कालोनी निवासी चंद्रकेश ने बताया, पिछले दस दिन में एक दिन काम मिल पाया। काम की तलाश में वह रोज मंडी जा रहे हैं, लेकिन काम नहीं मिल पा रहा है। इससे उनके सामने दो वक्त की दाल रोटी के लाले पड़ने लगे हैं। कृष्णा नगर की मंडी में कामकाज की तलाश में आए खामनी निवासी मोहन ने बताया, पहले इलेक्ट्रानिक दुकान पर मजदूरी करते थे। दुकान बंद होने के बाद चार-पांच बाजार खुलने का इंतजार किया, लेकिन जब बाजार नहीं खुले तो वह मजदूर मंडी में काम धंधे की तलाश के लिए आए। पांच दिन से लगातार सुबह आते हैं और दोपहर तक मजदूरी मिलने के इंतजार में बैठे रहते हैं। कोई काम नहीं मिल पा रहा है। जनरलगंज निवासी कृष्णा का कहना है, बेलदारी का काम करते हैं, लेकिन अब कहीं निर्माण कार्य नहीं चल रहे हैं। इसलिए बेलदारी भी नहीं मिल पा रही है। लक्ष्मी नगर पवन भी काम के लिए परेशान हैं। मजदूरों का कहना है, घर पर बैठकर भी नहीं रहा जा सकता है। वह रोज कमाकर खाने वाले हैं, लेकिन अब कमाने के लिए काम तक नहीं मिल पा रहा है। मजदूरों ने बताया, मंडी में मजदूरों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उनका कहना था, पहले जहां वह काम करते थे, वह प्रतिष्ठान बंद हो गए हैं। इसलिए मजदूरों की संख्या बढ़ रही है।

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