शहर के पार्कों और किसानों के खेतों में होगा जल संरक्षण

सहेज लो हर बूंद शहर में 52 पार्क किए चिन्हित 2500 किसानों के खेतों की होगी मेड़बंदी

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 05:14 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 05:14 AM (IST)
शहर के पार्कों और किसानों के खेतों में होगा जल संरक्षण
शहर के पार्कों और किसानों के खेतों में होगा जल संरक्षण

जागरण संवाददाता, मथुरा: कोरोना की दूसरी लहर थमने के साथ ही जल संरक्षण का कार्य अब धीरे-धीरे गति पकड़ने लगा है। शहर के पार्कों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाए जाएंगे। नगर निगम ने 52 पार्क चिन्हित किए हैं। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में 2500 लघु सीमांत किसानों के खेत की मेड़बंदी कराई जाएगी। हालांकि, नगर निगम में शामिल गांवों के किसानों को यह लाभ नहीं मिल पाएगा।

वर्षा जल का संरक्षित करने के लिए जल शक्ति कार्यालय की स्थापना पहले ही कर दी गई, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने जल संरक्षण के कार्य को भी प्रभावित किया। कोरोना का प्रभाव कम होने के साथ ही एक बार फिर वर्षा जल संरक्षण के लिए कार्य आरंभ कर दिए गए हैं। नगर निगम क्षेत्र में 52 पार्कों का चयन कर लिया गया है। अधिशासी अभियंता नगर निगम एसपी मिश्रा ने बताया, चिन्हित किए गए पार्कों में गंदा पानी नहीं आता है। रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाया जाएगा। जल स्त्रोत प्रथम स्टेटा तक गहरी बोरिग कराई जाएगी। तीन अलग-अलग चेंबर भी बनाए जाएंगे। इनको बोरिग से जोड़ा जाएगा। इससे भूमि के अंदर वर्षा का पानी छनकर जाएगा। जल शक्ति कार्यालय के प्रभारी हरिओम चौधरी ने बताया, जल संरक्षण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में भी कार्य कराया जाएगा। मनरेगा में 2500 लघु सीमांत किसानों के खेतों की मेड़बंदी की जाएगी। इससे वर्षा का पानी खेतों में रुक जाएगा। एक ग्राम पंचायत में पांच किसानों को चयनित करने का कार्य किया जा रहा है। जहां भी किसान चयनित हो जाएंगे, वहां मनरेगा में मेड़बंदी का कार्य भी शुरू करा दिया जाएगा। - निगम क्षेत्र में नहीं मिलेगा लाभ:

मनरेगा के तहत ग्राम पंचायतों में खेतों की मेड़बंदी का काम हो जाएगा, पर निगम में शामिल गांवों के किसानों के खेतों पर मेड़बंदी का कार्य मनरेगा में नहीं होगा। नगर निगम के अधिशासी अभियंता ने बताया, मेड़बंदी कराए जाने की कोई योजना नगर निगम ने अभी तक नहीं बनाई है। - 43 ग्राम पंचायत हुई थी शामिल:

नगर निगम के गठन के दौरान 31 ग्राम पंचायत के 51 गांव शामिल किए गए थे। बाद में नगर निगम की सीमा का विस्तार भी किया गया। सीमा 12 ग्राम पंचायत शामिल की गई। कुछ ग्राम पंचायतों का आंशिक भाग सीमा विस्तार में शामिल किया गया।

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