हाईवे पर किसानों ने निकाली ट्रैक्टर रैली, धरने पर बैठे

छाता शुगर मिल को चालू कराने की मांग को लेकर बुधवार को सर्वदलीय

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 07:46 AM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 07:46 AM (IST)
हाईवे पर किसानों ने निकाली ट्रैक्टर रैली, धरने पर बैठे
हाईवे पर किसानों ने निकाली ट्रैक्टर रैली, धरने पर बैठे

संवाद सूत्र, छाता (मथुरा): छाता शुगर मिल को चालू कराने की मांग को लेकर बुधवार को सर्वदलीय किसान संघर्ष समिति और भरतीय किसान यूनियन (टिकैत) ने गांव नरी-सेमरी से छाता तक हाईवे पर ट्रैक्टर रैली निकाली। प्रदर्शनकारी किसानों ने हाईवे पर आधे घंटे तक धरना भी दिया। इसके बाद छाता नगर में रैली निकाली गई। इस बीच मथुरा-दिल्ली मार्ग पर यातायात भी प्रभावित रहा।

छाता शुगर मिल को चालू किए जाने की किसान काफी समय से मांग कर रहे हैं। दोपहर में सर्वदलीय किसान संघर्ष समिति और भरतीय किसान यूनियन (टिकैत) के आह्वान पर किसान गांव नरी-सेमरी पर एकत्र हुए। दोपहर में यहां किसान ट्रैक्टर-ट्रालियों में सवार होकर छाता के लिए रवाना हुए। हाईवे पर नारेबाजी करते हुए किसान छाता शुगर मिल पर पहुंचे। किसानों ने नगर में ट्रैक्टर-ट्राली लेकर प्रवेश करने लगे। पुलिस ने किसानों के ट्रैक्टर को नगर में प्रवेश करने से रोक दिया। इस पर आक्रोशित किसान हाईवे पर ही धरने पर बैठ गए। करीब आधे घंटे तक किसान हाईवे पर प्रदर्शन करते रहे। यातायात को प्रभावित होते देख पुलिस ने किसानों को नगर में ट्रैक्टर-ट्राली रैली निकालने की मंजूरी दी। इसके बाद ही किसान आगे बढ़े। इस दौरान मथुरा-दिल्ली हाईवे पर जाम लग गया। किसानों के वाहनों के गुजरने के बाद ही ट्रैफिक सामान्य हो सका। किसानों की ट्रैक्टर रैली तहसील छाता पर संपन्न हुई। धरने को संबोधित करते हुए भाकियू (टिकैत) के मंडल अध्यक्ष गजेंद्र सिंह परिहार ने कहा, शुगर मिल को चालू कराने के लिए यूनियन प्रतिबद्ध हैं। जब तक चीनी मिल चालू नहीं होती किसानों का संघर्ष जारी रहेगा। किसान नेता बुद्धा सिंह प्रधान, प्रहलाद चौधरी, दीपक चौधरी, चंद्रपाल सिंह यदुवंशी, ठाकुर मुरारी सिंह नेता मौजूद रहे। सीओ छाता वरुण कुमार सिंह भी पुलिस बल के साथ हाईवे पर मौजूद रहे। उन्होंने बताया, किसानों ने हाईवे पर धरना देने की प्रयास किए, लेकिन उनको समझा दिया गया था। इसके बाद किसान आगे बढ़ गए। तीन माह से शिक्षकों को वेतन का इंतजार: राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक, शिक्षिकाएं तीन माह से वेतन का इंतजार कर रहे हैं। वेतन के लिए ग्रांट नहीं आई है, फाइल बजट के लिए गई है, निदेशालय से अभी आदेश नहीं हुआ। यह सुन- सुनकर शिक्षक मानसिक रूप से परेशान हैं। आर्थिक संकट भी बढ़ता जा रहा है।

राजकीय माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों को अगस्त, सितंबर, नवंबर माह का वेतन नहीं मिला है। इस संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षक, शिक्षा निदेशालय तक से वेतन को समय से दिलाने की मांग की है। वेतन समय से कभी नहीं मिल पाता है। दीपावली पर बोनस भी नहीं मिला है। राजकीय शिक्षक संघ के मंडल अध्यक्ष डा. अखिलेश यादव से भी शिक्षक-शिक्षिकाएं वेतन दिलाने की मांग करते रहे हैं। डा. अखिलेश यादव ने भी जिला विद्यालय निरीक्षक से समस्या के समाधान की मांग की है। उनका कहना है कि समस्याओं को लेकर कई बार प्रांतीय पदाधिकारियों से बातचीत की गई है। शासन को भी पत्र लिखे जा चुके हैं। विभागीय अधिकारियों से लेकर नेताओं के संज्ञान में शिक्षकों व प्रधानाचार्य की यह समस्या है, लेकिन शासन स्तर से कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है। यह समस्या केवल जिले की नहीं, प्रदेश की है। अवधेश कुमार, भवानी शंकर, बृजेश कुमार, बृजेश अग्निहोत्री, किरण लता, पूनम सिंह, लता सिंह, आकाश कुमार, बरखा सारस्वत, गायत्री मीणा, गौरी शंकर, लीना गौतम, ओंकार सिंह, वंदना सिंह ने शासन से वेतन दिलाने की मांग की है।

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