समय बढ़ता रहा, जिम्मेदार साफ न कर पाए यमुना

जनवरी 2021 में पूरा होना था काम अब 31 अक्टूबर तक का दावा - 20 नालों का प्रदूषित पानी सीधे गिर रहा है यमुना में

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 06:22 AM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 06:22 AM (IST)
समय बढ़ता रहा, जिम्मेदार साफ न कर पाए यमुना
समय बढ़ता रहा, जिम्मेदार साफ न कर पाए यमुना

जागरण संवाददाता, मथुरा: यमुना में गिरते गंदे नालों को रोकने का दावा अब तक हवा-हवाई ही साबित हुआ है। योजना तो खूब बनीं लेकिन उन्हें लागू करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई गई। नतीजा, वर्ष 2019 में शुरू हुए जिस काम को जनवरी 2021 में पूरा करना था, वह अभी तक नहीं हो सका है। अब इसके 31 अक्टूबर तक पूरा किए जाने का दावा किया जा रहा है। जिम्मेदार धीमी गति का ठीकरा लाकडाउन पर फोड़ रहे हैं।

यमुना में लगातार गिर रहे गंदे नालों से इसका जल आचमन लायक नहीं बचा है। शहर के बीस नाले यमुना में गिर रहे हैं। इनसे करीब 46 एमएलडी गंदा पानी सीधे यमुना में गिर रहा है। इन सभी नालों को टेप करने और एसटीपी स्थापित कर उन्हें चलाने की बात तीन साल से भी अधिक समय से चल रही है। मगर, अभी तक इस पर काम पूरा नहीं हो सका है।

इसे लेकर हाईकोर्ट ने सख्त रुख दिखाया है। वृंदावन निवासी मधुमंगल दास शुक्ल की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मगर, इसकी जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं है। जनवरी 2022 में ही होगा गंदे पानी का पूरी तरह शोधन: नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा (एनएमसीजी) की ओर से मसानी एसटीपी प्लांट का कार्य करने की जिम्मेदारी त्रिवेणी कंपनी को दी गई है। इसे अनुबंध के तहत वर्ष जनवरी 2021 तक 24 माह में कार्य पूरा करना था। पहले कोरोनाकाल की वजह से जून 2021 तक समय बढ़ा दिया गया था। दूसरी लहर के बाद 31 अक्टूबर 2021 तक का समय बढ़ा दिया गया। अधिकारियों का कहना है कि अक्टूबर के बाद तीन माह तक ट्रायल चलेगा। इसके बाद जनवरी 2022 से 20 नालों के गंदे पानी का पूरी तरह से शोधन हो सकेगा। वर्जन -

मसानी एसटीपी का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। 31 अक्टूबर को एसटीपी का संचालन कर दिया जाएगा। इसके बाद तीन माह तक ट्रायल चलेगा। कोरोना काल और दूसरे विभागों से एनओसी लेने की वजह से देरी हुई है। इसे लेकर एनएमसीजी ने ही समय अवधि को बढ़ाया है।

योगेश शर्मा, परियोजना प्रबंधक - ड्रेनेज एवं सीवरेज इकाई, जल निगम

chat bot
आपका साथी