कोरोना संक्रमण में अपनों को खोने वालों को अब आशा का सहारा
जिला समाज कल्याण अधिकारी (विकास) कार्यालय में जमा करें आवेदन आशा योजना के तहत पीड़ित परिवार को मिलेगी पांच लाख रुपये लोन की सुविधा
जागरण संवाददाता, मथुरा: अनुसूचित जाति के परिवार का अगर कोई मुखिया कोरोना संक्रमण का शिकार हो गया है, तो ऐसे परिवार उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं निगम लिमिटेड कार्यालय पर आवेदन कर सकते हैं। क्योंकि सरकार की ओर से मृतक के आश्रितों को पांच लाख रुपये बतौर लोन दिए जा रहे हैं। इसमें बीस फीसद यानि एक लाख रुपये के अनुदान की व्यवस्था की गई है।
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम लि. की ओर से आशा योजना का शुभारंभ किया गया है। इसके तहत अनुसूचित जाति किसी भी परिवार के मुखिया की मौत कोरोना संक्रमण की वजह से हुई और वह व्यक्ति मुख्य कमाई करने वाला हो। परिवार की आय तीन लाख रुपये सालाना हो। मृतक के आश्रितों को जीवन यापन में कोई परेशानी न हो। इसके लिए आशा योजना के तहत लाभ दिलाए जाने के आदेश हुए हैं। जिसके तहत एक लाख रुपये का अनुदान तथा चार लाख रुपये वापस करने होंगे। - यह है मानक
- लाभार्थी अनुसूचित जाति का हो।
-परिवार की वार्षिक आय अधिकतम तीन लाख हो।
- परिवार का मुख्य कमाई करने वाले सदस्य की मृत्यु कोरोना संक्रमण से हुई हो।
- मृतक की आयु मृत्यु होने के समय 18 से 60 वर्ष के बीच रही हो।
- कोविड-19 से मृत्यु का प्रमाण पत्र नगर निकाय व ब्लाक अधिकारी द्वारा बना हुआ होना चाहिए। परिवार का मुखिया कोरोना संक्रमण का शिकार हो गया है और उसकी सालाना आय तीन लाख रुपये तक थी। ऐसे अनुसूचित जाति के लोगों को सरकार की ओर से आशा योजना शुरू की गई है, जिसके तहत आश्रितों को पांच लाख रुपये का ऋण मुहैया कराए जाने की व्यवस्था की गई है, जिसमें बीस फीसद अनुदान है।
रमाशंकर गुप्ता, जिला समाज कल्याण अधिकारी