नहीं सुधर रहे हालात, जल और वायु प्रदूषण चरम पर

दीपावली के बाद से ही जिले में वायु और जल प्रदूषण चरम पर है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 100 होना चाहिए जो 527 तक पहुंच गया था। शनिवार को वृंदावन में एक्यूआइ 409 दर्ज किया गया जो दीपोत्सव वाले दिन की तुलना में बहुत कम है। जल्द ही प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए अब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने नगर निगम से शहर में लगातार पानी का छिड़काव कराने को कहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेस वे के आसपास ही सबसे अधिक प्रदूषण है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 14 Nov 2021 05:40 AM (IST) Updated:Sun, 14 Nov 2021 05:40 AM (IST)
नहीं सुधर रहे हालात, जल और वायु प्रदूषण चरम पर
नहीं सुधर रहे हालात, जल और वायु प्रदूषण चरम पर

जागरण संवाददाता, मथुरा: दीपावली के बाद से ही जिले में वायु और जल प्रदूषण चरम पर है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) 100 होना चाहिए, जो 527 तक पहुंच गया था। शनिवार को वृंदावन में एक्यूआइ 409 दर्ज किया गया, जो दीपोत्सव वाले दिन की तुलना में बहुत कम है। जल्द ही प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए अब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने नगर निगम से शहर में लगातार पानी का छिड़काव कराने को कहा है। राष्ट्रीय राजमार्ग और एक्सप्रेस वे के आसपास ही सबसे अधिक प्रदूषण है। प्रदूषण विभाग की टीम ने 29 अक्टूबर को शहर का एक्यूआइ 183 दर्ज किया था। जबकि दीपोत्सव वाली रात यानी चार नवंबर को शहर का एक्यूआइ 527 दर्ज किया गया। इसके बाद नौ नवंबर को वृंदावन का एक्यूआइ 477 दर्ज किया गया। अब दीपोत्सव को एक सप्ताह से अधिक का समय हो गया है, लेकिन एक्यूआइ सामान्य होता नजर नहीं आ रहा है। 13 नवंबर को भी वृंदावन का एक्यूआइ 409 दर्ज किया गया, जो सामान्य एक्यूआइ की तुलना में चार गुना से अधिक है। विशेषज्ञों का कहना है कि एक्यूआइ 100 तक रहना चाहिए। दीपावली पर की गई आतिशबाजी के साथ एनसीआर से आने वाले वाहनों ने वृंदावन का वातावरण प्रदूषित कर दिया है। रही-बची कसर पराली जलाने के बढ़ते मामले ने पूरी कर दी है। इससे तभी छुटकारा पाया जा सकता है, जब झमाझम बारिश हो या फिर नगर निगम की ओर से लगातार छिड़काव कराया जाए। इससे वातावरण में उड़ रहे छोटे-छोटे कण जमीन पर बैठ सकें। वहीं दूसरी ओर यमुना जल में डिजाल्व आक्सीजन की मात्रा 4 मिली ग्राम प्रति लीटर होनी चाहिए। वह 1.5 डीओ नापी गई है। इसके लिए दिल्ली से आ रहे दूषित पानी और शहर के यमुना में गिर रहे नालों को माना जा रहा है। - वर्जन -

आतिशबाजी, पराली जलाने और वाहनों की संख्या ने जिले में प्रदूषण बढ़ाया है। वातावरण को स्वच्छ बनाने के लिए नगर निगम को लगातार छिड़काव कराए जाने के लिए कहा गया है। प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए दूसरा कोई विकल्प नहीं है।

अरविद कुमार, क्षेत्रीय अधिकारी - प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

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प्रदूषण ने बढ़ा दिए एलर्जी के मरीज :

दीपावली के बाद से ही एलर्जी के मामले बढ़ गए हैं। बदलते मौसम में त्वचा की दिक्कत आम आदमी को होती थी, लेकिन प्रदूषण अधिक होने की वजह से लोगों को त्वचा की एलर्जी हो रही है। इससे बचाव के लिए जरूरी है कि घर से बाहर निकलने से पहले पूरी आस्तीन के कपड़े पहनकर निकलें।

डा. एसपी सिंह, त्वचा रोग विशेषज्ञ -मास्क लगाकर निकलें घर से बाहर

प्रदूषण बहुत अधिक होने की वजह से सांस लेने में भी दिक्कत हो जाती है। कई बार दमा के मरीजों को फेफड़ों में इंफेक्शन तक फैल जाता है। इससे बचाव के लिए जरूरी है कि घर से बाहर निकलने से पहले हर एक व्यक्ति मास्क जरूर लगाएं।

डा. अनिल चौहान, पूर्व अध्यक्ष - आइएमए

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