संतान के वरदान को नहीं होगा अहोई स्नान
अहोई अष्टमी पर राधाकुंड में निसंतान दंपती करते हैं स्नान कोविड-19 का पालन न हो पाने की स्थित में मेला निरस्त
संवाद सूत्र, गोवर्धन(मथुरा): दुनिया भर की चिकित्सा से निराश दंपती सूनी गोद का वास्ता देकर राधाकुंड में स्नान करने वाले भक्तों को संतान प्राप्ति के वरदान के लिए एक साल इंतजार करना पड़ेगा। कोविड-19 के चलते चिकित्सा अधीक्षक और स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मेला पर रोक लगाने का सुझाव दिया था। दंपती की संख्या और निश्चित स्थान पर एक ही समय स्नान के कारण कोविड की गाइड लाइन का अनुपालन होना मुश्किल बताया गया। ऐसे में प्रशासन ने मुड़िया पूर्णिमा मेला की तरह अहोई स्नान मेला को इस साल निरस्त कर दिया है।
विगत मंगलवार को एडीएम सतीश चंद्र त्रिपाठी, एसडीएम राहुल यादव की अध्यक्षता में नगर पंचायत कार्यालय में प्रशासन और स्थानीय लोगों की बैठक आयोजित की गई। इसमें चिकित्सा अधीक्षक विजेंद्र सिंह सिसौदिया ने विधवा मैत्री आश्रम में एक दर्जन कोरोना पॉजिटिव केस मिलने का हवाला देते हुए कोविड की गाइड लाइन की अनुपालना को सुनिश्चित कराने की बात कही थी। चेयरमैन टिमटू, रघुनाथ गद्दी के महंत केशव दास, सभासद चंद्र विनोद सहित तमाम लोगों ने स्वास्थ्य को वरीयता देते हुए मेला आयोजन न कराए जाने की बात कही थी। प्रशासनिक अधिकारियों ने मंथन के बाद अहोई अष्टमी पर आयोजित मेला को निरस्त कर दिया है।
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संत और स्थानीय लोगों ने कोविड-19 के चलते अहोई अष्टमी मेला के आयोजन से महामारी बढ़ने की आशंका जताई है। इस संदर्भ में उच्चाधिकारियों से वार्ता कर इस साल अहोई अष्टमी मेला के आयोजन को निरस्त कर दिया गया है।
राहुल यादव, एसडीएम गोवर्धन -------------------
परिक्रमा का होगा रूट डायवर्जन
- मेला निरस्त के बाद अहोई अष्टमी पर राधाकुंड में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लग जाएगी। एसडीएम राहुल यादव ने बताया कि परिक्रमा मार्ग को सुचारू रखने के लिए मार्ग में परिवर्तन किया गया है। श्रद्धालु राधाकुंड के रामलीला मैदान से चौकी मार्ग की तरफ मुड़कर मुख्य मार्ग पर पहुंचकर अपनी परिक्रमा पूर्ण कर सकेंगे।